December 12, 2025
akhilesh with azam khan

सपा नेता आजम खान को जेल बदले जाने के दौरान एनकाउंटर का डर सता रहा था। इसका खुलासा उन्होंने खुद किया। कहा- एक रात करीब साढ़े तीन बजे उन्हें सोते से उठाया गया।

उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला के लिए जेल के बाहर अलग-अलग गाड़ियां लाई गईं। मैं जेल में सुनता था कि बाहर एनकाउंटर हो रहे हैं।

मैंने अब्दुल्ला को गले लगाया। कहा- बेटे, जिंदगी रही तो मिलेंगे, नहीं रही तो ऊपर मिलेंगे। मुझे यकीन नहीं था कि हम दोबारा मिल पाएंगे।

दरअसल, अक्टूबर 2023 में आजम और उनके बेटे की अचानक जेल बदल दी गई थी। रामपुर से आजम को सीतापुर और अब्दुल्ला को हरदोई जेल भेजा गया था।

आजम ने कहा- जेल असल में फांसीघर जैसी थी। मैं 23 महीने बेटे अब्दुल्ला के साथ एक कोठरी में रहा। वहां खिड़की तक नहीं थी।

रातभर लाठी लेकर सांप-बिच्छुओं से खुद को बचाता था। मेरी बीवी जेल में गिरीं, उनकी हंसली टूट गई। इलाज भी वहीं हुआ। उन्हें भी चोरी और लूट के मुकदमों में फंसाया गया।

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