जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से जारी मुठभेड़ में मोर्चा संभालने के लिए जा रहे सेना के तीन जवान शहीद हो गए हैं। इनमें एक सपूत चरखी दादरी के गांव महराणा निवासी सूबेदार श्रीओम गौतम भी शहीद हो गया। जैसे ही शहीद श्रीओम गौतम की खबर उनके पैतृक गांव में पहुंची तो पूरे गांव में शोक की लहर छा गई और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं ग्रामीणों को बेटे की देश के लिए शहादत पर नाज भी है।
बता दें कि गांव महराणा निवासी श्रीओम गौतम अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पहलवान थे और उन्होंने जूनियर एशियाड में देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था। रेसलिंग करते हुए ही श्रीओम वर्ष 1998 में सेना में भर्ती हुए थे। राजपूत राइफल्स में सूबेदार के पद पर तैनात श्रीओम गौतम की इस समय दक्षिण जम्मू कश्मीर में 44 आरआर में तैनाती थी। श्रीओम गौतम तीन भाईयों में दूूसरे नंबर के हैं और बचपन से ही कुश्ती में विशेष रूचि रखते थे। जिसके चलते उन्होंने नेशनल व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम किए। शहीद की बड़ी बेटी बीएससी की छात्रा है और बेटा बारहवीं कक्षा में पढ रहा है। शहीद श्रीओम गौतम ने सेना में रहते हुए भी रेसलिंग में कलर मेडल अपने नाम किया है।
बताया जा रहा है दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के कनिपोरा गांव के पास आतंकियों की सेना से मुठभेड़ हुई। जिसमें सेना द्वारा चार आतंकियों को मार गिराया। इसी दौरान मुठभेड़ स्थल की ओर जाते समय आतंकियों की गोली वाहन चालक को लगी तो वाहन पलट गया। जिसके चलते दादरी के जांबाज सूबेदार श्रीओम गौतम शहीद हो गए। बेटे के शहीद होने की सूचना परिजनों को देर रात मिली। जैसे ही गांव के बेटे के शहीद होने की जानकारी मिली तो पूरे गांव में शोक की लहर छा गई और आसपास के क्षेत्र के लोग शहीद सूबेदार श्रीओम गौतम के घर पहुंचने लगे। बताया जा रहा है कि शहीद का पार्थिव शरीर शनिवार को गांव में पहुंचेगा।
शहीद पत्नी कविता बोले कि पति हमे छोड़ गया दुख जरूर है, देश के लिए शहादत दी है जिसका उन्हें गर्व भी है। बेटी व बेटा ने कहा कि उनका परिवार पीढिय़ों से देश सेवा कर रहा है। पापा के जाने का दुख है, हम भी पापा की तरह स्ट्रॉंग बनकर एनडीए के माध्यम से सेना में आफिसर बनकर देश सेवा करना चाहते हैं और पिता के सपनों को पूरा करके दिखाएंगे।