
अमेरिकी H-1B वीजा फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) करने के फैसले पर ट्रम्प प्रशासन ने शनिवार देर रात स्पष्टीकरण जारी किया।
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने X पर लिखा- बढ़ी हुई फीस सिर्फ वन टाइम है, जो एप्लिकेशन देते समय चुकानी होगी।
H-1B वीजा के लिए पहले औसतन करीब 5 लाख रुपए लगते थे। यह 3 साल के लिए मान्य होता था। इसे दोबारा फीस देकर अगले 3 साल के लिए रिन्यू किया जा सकता था।
यानी अमेरिका में 6 साल रहने के लिए H-1B वीजा का कुल खर्च 10 लाख रुपए के करीब बैठता था।
व्हाइट हाउस ने यह तो कहा कि वीजा एप्लिकेशन के समय 88 लाख रुपए देने होंगे, लेकिन यह साफ नहीं किया कि अगले 3 साल के लिए रिन्यू कराते वक्त भी यह फीस दोबारा लगेगी या नहीं
लेविट ने कहा- बढ़ी हुई फीस केवल 21 सितंबर के बाद फाइल की जाने वाली वीजा एप्लिकेशन पर ही लागू होगी।
इससे पहले दाखिल एप्लिकेशन और रिन्युअल पर बढ़ी हुई फीस नहीं लगेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा H-1B वीजा होल्डर सामान्य तरीके से देश से बाहर आना-जाना कर सकते हैं।