शिक्षा नियमावली के रूल 134ए को खत्म करने के लिए सरकार को मजबूर करने वाली निजी स्कूलों की संस्था हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूलस कांफ्रैंस ने स्कूलों संचालकों को एक ओर बड़ी राहत प्रदान कर दी है। हरियाणा सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए हरियाणा के निजी स्कूलों पर एनसीईआरटी की किताबें लगाने का दबाव बनाया था, लेकिन एचपीएससी के पदाधिकारियों द्वारा सरकार के आदेशों को माननीय हाईकोर्ट में दी गई चुनौती के बाद स्कूल संचालकों को राहत मिल गई है।
एचपीएससी की याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने सरकार से 6 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है तो वहीं साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक सरकार का जवाब नहीं आता तब तक एनसीईआरटी की किताबें न लगाने वाले स्कूल संचालकों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। यहां पर हम आपको बता दें कि माननीय हाईकोर्ट ने एचपीएससी द्वारा रूल 134ए को लेकर भी दाखिल की गई याचिका में इसी तरह के आदेश जारी किए थे।
एचपीएससी के प्रदेश उपप्रधान प्रशांत मुंजाल व प्रदेश प्रवक्ता सौरभ कपूर ने कहा कि जब हरियाणा सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए एनसीईआरटी की किताबें लगाने का नियम बनाया तो एचपीएससी माननीय हाईकोर्ट में गई। जिसके बाद माननीय कोर्ट ने इस संबंध में सरकार को अपना मांगपत्र देने को कहा था। कोर्ट के आदेशों को मानते हुए एचपीएससी की तरफ से सरकार को मांगपत्र और बनाए गए नियमों की खामियों से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन सरकार ने ज्ञापन के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया।
सौरभ कपूर ने कहा कि एचपीएससी ने माननीय हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट आशीष चोपड़ा के माध्यम से केस दाखिल किया और स्कूल संचालकों को राहत मिल गई। इस मामले में सौरभ कपूर ने बताया कि एचपीएससी की तरफ से माननीय हाईकोर्ट को बताया गया कि ज्ञापन देने के बाद भी सरकार ने उन सभी बिंदूओं पर स्कूल संचालकों से कोई बात नहीं की।