
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) का 60 वां पुण्य स्मृति दिवस ब्रह्मकुमारीज के सदर बाजार करनाल सेवाकेंद्र पर सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में रविवार और मंगलवार को मनाया गया। इस मौके पर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी किरण दीदी जी, रंजना दीदी जी सहित सभी वरिष्ठ भाई-बहनें मौजूद रहे।
पुष्पांजली कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती (मम्मा) ने हम सभी को जीवन ऊंचा बनाने के लिए श्रेष्ठ धारणाएं सिखाईं। सभी को गाइड किया और ज्ञान का स्वरूप बनकर आदर्श प्रस्तुत किया। मैंने मम्मा को नहीं देखा लेकिन वरिष्ठ दादियों से मम्मा के बारे में सुना है कि उनका जीवन कितना तपस्वी और महान था। वह इस दुनिया में रहते हुए भी न्यारीं और प्यारीं रहती थीं। मम्मा बाबा की आज्ञाकारी, वफादार और फरमानबरदार थीं। उनके जीवन में सच्चाई और सफाई का विशेष गुण था।
साथ ही मम्मा के और भी कई दैवीय गुणों और धारणाओं के बारे में भी चर्चा हुई , जैसे मम्मा हमेशा प्रेरणा दायक कर्म करे यह ध्यान रखती थी,कठिन योग साधना से स्वयं को इतना मजबूत बनाया था कि वे कभी किसी परिस्थिति में विचलित नहीं हुई ।
और लव एंड लॉ का बैलेंस रखते यज्ञ का संचालन भी बहुत कुशलता पूर्वक किया ,उनका सदा एकांत में रहने की कोशिश , फरिश्तों जैसा चलना ,फिरना, बोलना, मुस्कुराना उनके बारे में कहा जाता था कि ब्रह्मा बाबा ने कभी उन्हें कोई बात दूसरी बार नहीं सिखाई ।
ऐसी हमारी प्यारी मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती जी ने 24 जून 1965 को आप ने अपनी नश्वर देह का त्याग कर संपूर्णता को प्राप्त किया था ।