
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शुक्रवार को पिहोवा के श्री बोहली साहिब गुरुद्वारा पिहोवा में पंचम पातशाह गुरु अर्जन देव जी के 419वें शहीदी दिवस के उपलक्ष में श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे थे। इस स्थान पर गुरु अर्जन देव जी ने तपस्या की थी।
बोहली साहिब गुरुद्वारा के जत्थेदार महिंद्र सिंह द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सरोपा भेंटकर सम्मानित किया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लंगर हाल में बैठकर चाय का प्रसाद ग्रहण किया तथा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने छबील में सेवा कर नागरिकों को मीठा जल पिलाया।
सैनी ने कहा कि गुरु अर्जुन देव की शहादत हमें युगों-युगों तक रोशनी की मीनार की तरह पीढ़ी दर पीढ़ी अन्याय, शोषण और जुल्म के विरूद्ध संघर्ष करने तथा कुर्बानी देने के लिए प्रेरित करती रहेगी। वे महान पिता गुरु रामदास के होनहार पुत्र थे। बीबी भानी जैसी धर्म-परायण मां ने उन्हें उच्चकोटि के संस्कार दिए।
उन्होंने कहा कि इनकी तेज बुद्धिमता से प्रभावित होकर इनके नाना गुरु अमरदास ने भविष्यवाणी की थी कि मेरा यह दोहता वाणी का प्रकाशक होगा। यह बात पूरी तरह सच निकली। उन्होंने कहा कि गुरु अर्जुन देव का सबसे बड़ा योगदान उनका सर्वोच्च बलिदान था। जब मुगल शासकों ने उन्हें घोर यातनाएं दी, तब भी उन्होंने सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा। उन्होंने मृत्यु को गले लगाना स्वीकार किया, लेकिन अपने धर्म और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
इतना ही नहीं गर्म तवे पर बैठकर उन्होंने जो पीड़ा सही, वह इतिहास में धर्म के लिए दिया गया सबसे बड़ा बलिदान है। गुरु अर्जुन देव का बलिदान न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए एक आदर्श है। हमें गुरु अर्जुन देव जैसे महापुरुषों की प्रेरणा से अपने जीवन मूल्यों को संजोकर रखना है।