May 24, 2025
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सोहाना गांव के पास करनाल रिंग रोड पर रास्ते की मांग को लेकर गत दिनों से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसान और पुलिस शुक्रवार को आमने सामने हो गये। किसानों का कहना है कि आज जिला प्रशासन ने जबरदस्ती रिंग रोड़ निर्माण कार्य शुरू करवाने की कोशिश की। कई घंटे तक किसान और पुलिस के बीच तीखी नोक झोंक परंतु किसान अडिग रहे। अंतत: प्रशासन को निर्माण कार्य रोकना पड़ा और सरकारी अमला वापिस लौट गया। शुक्रवार को अचानक करीब 11 बजे जेसीबी मशीन के साथ पुलिस बल के साथ निर्माण कार्य को शुरू करवाने के लिए आंदोलन स्थल पर पहुंच गए। सरकारी अमले में करफी संख्या में महिला पुलिस भी शामिल थी। जैसे ही सरकारी अमले ने जब्री तौर पर निर्माण कार्य को शुरू करवाया गया तो ग्रामीण विरोध पर उतर आए। इस बीच पुलिस व किसानों के बीच धक्का मुक्की भी हुई। लेकिन मौके से किसान व ग्रामीण अड़े रहे। प्रशासन किसानों के विरोध के दौरान निर्माण कार्य शुरू नही करवा सका। इस बीच भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान भी मौके पर पहुंच का चल रहे विरोध में शामिल हो गए। प्रदेशाध्यक्ष रतनमान के पहुंचने पर जोश स्वरूप आंदोलनकारी ग्रामीणों ने भाकियू जिंदाबाद के नारे लगाए। अधिकारियों व भाकियू पदाधिकारियों के बीच वार्ता का दौर शुरू हो गया। तय हुआ कि जल्द ही जिला प्रशासन, निर्माण कंपनी व भाकियू की बैठक करके इस मामले हल निकाला जाएगा। तब जाकर पूरा मामला शांत हो गया। किसानों ने कहा कि जब तक समस्या का समाधान नही हो जाता तब तक निर्माण कार्य पूर्व की भांति बंद रहेगा। धरना भी लगातार जारी रहेगा। रतनमान ने कहा कि भाजपा सरकार पुंजिपतियों के हित में काम कर रही है। जिसका उदाहरण आज सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि हमारे खेत भी चले गए और हमें रास्ते के लिए संर्घष करना पड़ रहा है।
सोहना गांव के निकट करनाल रिंग रोड पर बीते कई दिनों से भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में ग्रामीण किसान करनाल रिंग रोड पर रास्ते की मांग को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। प्रशासनिक मशीनरी और निर्माण एजेंसी द्वारा जबरदस्ती कार्य शुरू करवाने के प्रयास के खिलाफ किसानों ने विरोध दर्ज कराया। जिससे मौके पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस घटना के बाद धीरे धीरे ग्रामीणों की संख्या बढऩे लगी।
भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं तब तक आंदोलन जारी रहेगा। रास्ता लेकर ही रहेंगे। चाहे इसके लिए कितनी भी बड़ी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। यह आंदोलन किसानों के हक़ और ज़मीन से जुड़ी अस्मिता की लड़ाई है। अंत में निर्णय हुआ है कि सडक़ बनाने वाली कंपनी भारतीय किसान यूनियन व जिला प्रशासन के बीच बैठकर वार्ता की जाएगी और हल निकाला जाएगा।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि रास्ते की मांग पूरी होंने तक भाकियू का एक एक कार्यकर्ता आंदोलनकारी ग्रामीणों के साथ कंधा से कंधा मिला कर मजबूती के साथ खड़ा है। हरियाणा सरकार द्वारा जब तक करनाल रिंग रोड़ पर रास्ते को बनाया नहीं जाता तब तक हर हाल में भाकियू के बैनर तले आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि धरने को लेकर भाकियू कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद है। एक एक भाकियू कार्यकर्ता मजबूती के साथ इस आंदोलन के प्रति समर्पित है। धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान सुीेंद्र सिंह घुम्मन ने की। इस अवसर पर सुरेंद्र सागवान, महताब कादियान, विनोद राणा, धनेत्तर राणा, डा. सत्यवीर तौमर, शाम सिंह मान, बबलू सोहाना, सुरज लाठर सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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