
हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा ने सरकार के बिना पर्ची खर्ची नौकरी देने के दावे की पोल खोलते हुए कहा कि इस सरकार मे पर्ची भी चल रही है खर्ची भी चल रही है। उन्होने सहकारी समितियों का जिक्र करते हुए कहा कि पर्ची और खर्ची के साथ सहकारी समितियों में नियमों को ताक पर रखकर नौकरियों रेवडियों की तरह बांटी जा रही हैं। सरकार को अब बताना चाहिए कि किसकी पर्ची से ये नौकरियां दी गई व किसको ये खर्ची गई है। अशोक अरोड़ा शनिवार को अपने कार्यालय मे पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।
पूर्व विधानसभा स्पीकर अशोक अरोड़ा ने कहा कि सहकारी समितियां लोगों के पैसे से चलती हैं। लेकिन कुछ लोगों द्वारा अपने लोगों को नौकरियां दी जा रही हैं। बारना सहकारी समिति का जिक्र करते हुए अरोड़ा ने कहा कि बारना सहकारी समिति मे 9 बच्चे लगाए गए हैं जबकि इस सोसाईटी का बोर्ड भी टूटा हुआ है।
गांव ज्योतिसर की सहकारी समिति मे 7 बच्चे लगा दिए गए हैं, जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ज्योतिसर मे बगैर एजेंडा दिखाए व बिना मीटिंग करे सात लोगों को नौकरी दे दी गई हैं जोकि जांच का विषय है। इस बारे मे उनकी एमडी कोपरेटिव सोसाईटी से बात हुई व एआर से बात हुई है। उन्होने कहा कि उनको अखबारों के माध्यम से इस बारे मे पता चला है।
यह बहुत ही आश्चर्यचकित कर देने वाली बात है कि बिना किसी अनुमति के नौकरियां दी जा रही हैं। इस बारे मे उन्होने सहकारिता मंत्री से बात की है, उन्होने स्पष्ट किया है कि सहकारी समितियों में इस प्रकार से नौकरी पर नही रखा जा सकता। इसके लिए बकायदा नियम बनाए गए हैं। लेकिन कुरुक्षेत्र जिला की इन समितियों में तो नियम नाम की कोई बात नजर नही आ रही है। इस मौके पर उनके साथ ओमपाल कश्यप व सतीश टामक भी मौजूद रहे।