
ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी जी का जन्म 25 मार्च 1925 को सिंध हैदराबाद में हुआ। बचपन से अध्यात्म के प्रति लगन और परमात्मा को पाने की चाह में मात्र 13 वर्ष की आयु में विश्व शांति और नारी सशक्तिकरण की मुहिम में खुद को समर्पित कर दिया। दादी जी के मार्गदर्शन में 6000 सेवाकेंद्र और 50000 ब्रह्माकुमारी पाठशालाओ का संचालन हुआ। आप 50000 ब्रह्माकुमारी बहनों की नायिका रहीं। पिछले 40 से अधिक वर्षों से आप युवा प्रभाग की अध्यक्षा की जिम्मेवारी संभाल रही है। आपके नेतृत्व में युवा प्रभाग द्वारा देश भर में अनेक राष्ट्रीय युवा पदयात्रा, साइकिल यात्रा और अन्य अभियान चलाए गए। सन् 1985 में दादी जी ने 13 पैदल यात्राएं की है ।आपको देश-विदेश में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से समय प्रति समय सम्मानित किया गया।
दादी जी बहुत ही धीर, गंभीर और निर्मल स्वभाव के थे, इतनी आयु होने तक भी आपने अंतिम दम तक ईश्वरीय सेवाएं की, पूरे विश्व में हजारों स्थानों का भ्रमण करते लाखों आत्माओं का संबंध परमात्मा से जुड़ाया।
ऐसी महान विभूति सारे विश्व को रोशन करने वाले अध्यात्म के जगमगाते सितारे ने आज सुबह 1:20 पर अहमदाबाद के ज़ाइडस अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को मुख्यालय शांतिवन के कांफ्रेंस हॉल में अंतिम दर्शनार्थ रखा गया है। जहां श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की कतार लगी हुई है। मुख्यालय वार्षिक मीटिंग में पहुंचे हजारों वरिष्ठ भाई बहनों ने दादी जी को श्रद्धांजलि दी। 10 अप्रैल को 10:00 बजे सुबह अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यालय में अखंड योग साधना का दौर जारी है।
बीके किरण
सबजोन संचालिका
सदर बाजार करनाल