हरियाणा की पूर्व शिक्षा मंत्री और झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने प्रदेश सरकार द्वारा 134 ए वापिस लिए जाने पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि दाखिला प्रक्रिया के समय इस प्रकार से कानून को वापिस लिया जाना गरीब बच्चों के अधिकारों पर कुठराघात है।
जिसकी वजह से बच्चे और उनके अभिभावक दोनों ही परेशान है। भुक्कल यहां अपने निवास स्थान पर पत्रकारों के साथ बातचीत कर रही थी। उनहोंने कहा कि हुड्डा शासन में यह 134 ए इसलिए लागू किया गया था कि प्रदेश के 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को भी निजी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा मिल सके।
जिसका फायदा गरीब बच्चों को हुआ भी। लेकिन सरकार ने गरीबों को दी जाने वाली इस निशुल्क शिक्षा का निजी स्कूलों का भुगतान किया और न ही गरीबों की शिक्षा का कोई ध्यान रखा।अब जबकि दाखिले का समय है तो ऐसे में एक झटके में इस कानून को वापिस लिया जाना एक तरह से गरीबों के हितों पर डाका है।
चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार जताए जाने पर भी भुक्कल ने कहा कि हरियाणा की गठबंधन सरकार न तो चंडीगढ़ पर और न ही एसवाईएल पर गंभीर है। कई बार सीएम को इस बारे में विपक्ष ने आगाह किया है कि वह सभी दलों को साथ लेकर पीएम से समय निर्धारित करे और एसवाईएल के निर्माण को लेकर हरियाणा का पक्ष रखे।
लेकिन सीएम साहब स्वयं ही पीएम से मिलकर वापिस लौट आते है। अब देखना है कि सरकार ने इस मसले पर पांच को विस सत्र बुलाया है। वह चाहेंगी कि इस सत्र में दोनों मामलों को जोर-शोर से उठाया जाए। उन्होंने कहा कि राजीव लोगोवाल समझौते के अनुसार दोनों राज्यों के बीच चंडीगढ़ को लेकर 60-40 का अनुपात है। जिसे कोई नहीं बदल सकता।