एक हफ्ते पहले पंजाब सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर चंडीगढ़ पर दावा किया है। उसके बाद हरियाणा की राजनीति में ये मुद्दा पूरी तरह से गर्म हो गया है। जिसके चलते मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा के हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र में संकल्प पत्र को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। संकल्प प्रस्ताव पर तीन घंटे की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बहस का जवाब दिया और इसके बाद प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।
कांग्रेस पार्टी हो या फिर भाजपा दोनों ही पार्टियों के नेताओ ने पंजाब सरकार व केजरीवाल पर हमला किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ पर दावे के विरोध का करते हुए संकल्प प्रस्ताव पेश किया। संकल्प पत्र में एसवाईएल नहर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से आग्रह गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार पंजाब सरकार को एसवाईएल नहर बनाने के आदेश दे, ताकि राज्य को उसके हिस्से और हक का पानी मिल सके।
गृहमंत्री अनिल विज ने पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोलते हुए कह दिया कि पंजाब की हालत श्रीलंका जैसी होनेवाली है। उन्होंने कहा कि आप चार दिन की पार्टी है, दूध के दाँत टूटे नहीं और वह चंडीगढ़ पर हक जताने चलें हैं.
कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने पंजाब के सीएम भगवंत मान पर अमर्यादित टिप्पणी भी कर दी और कहा कि पंजाब के सीएम आदतन पियक्कड़ हैं। इनकी बात पर ज्यादा ध्यान कोई नहीं देता। वहीं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पंजाब एल्डर ब्रदर की बजाय बिग ब्रदर बन रहा है। हमें बिग ब्रदर मंजूर नहीं है। हम चाहते हैं कि पंजाब एल्डर ब्रदर रहे।