
oplus_0
केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय कृषि मंडीकरण नीति के मसौदे को रद्द करवाने का मामला दिन-प्रतिदिन तूल पकडऩे लगा है। जिसकों रद्द करवाने की मंाग को लेकर प्रदेश के किसानों ने एकजूट होना शुरू कर दिया है। सयुंक्त किसान मोर्चा हरियाणा (एसकेएम) की ओर से इस मसौदे को केंद्र सरकार को वापिस लौटाने की मांग अब प्रदेशभर में जोर पकडऩे लगी है।
इस बीच गत दिवस पंजाब विधानसभा में इस मसौदे को रद्द करके केंद्र सरकार को वापिस लौटाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। पंजाब सरकार के इस फैसले के आने के बाद हरियाणा के किसानों के हौंसले और बुलंद्व होंने लगे है। किसानों द्वारा लगातार की जा रही इस मांग को और बल मिलने लगा है।
जाहिर है कि हरियाणा में किए जा रहा किसान आंदोलन आगे चल कर जौर पकड़ेगा। नई राष्ट्रीय कृषि मंडीकरण नीति के विरोध में किसान नेताओं द्वारा प्रदेशभर में लगातार किसानों से संर्पक साध कर अपनी आवाज को तेज किया जा रहा है। जिसकों लेकर २० मार्च को एसकेएम द्वारा पीपली स्थित सीएम आवास पर प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत करने का निर्णय लिया जा चुका है।
जिसकी अंतिम तैयारियों को लेकर बुद्ववार को करनाल के अर्जुन नगर स्थित सर छोटू राम किसान भवन में भाकियू चेयरमैन साहब सिंह बाजवा की अगुवाई में आयोजन किया गया। इस दौरान किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करके अपनी आवाज को बुलंद्व किया। एसकेएम हरियाणा के नेता एंव भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने सीएम आवास पर की जाने वाली प्रस्तावित किसान महापंचायत को सफल बनाने को लेकर पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि सभी किसानों ने महापंचायत में अनुशासन में रह कर शामिल होना है।
सभी ने २० मार्च को सुबह ११ बजे पिपली स्थित चौधरी देवीलाल पार्क में पहुंचकर किसान महापंचायत का आयोजन करने के उपरांत कर सीएम आवास की ओर कूच करना है। पंचायत में किसान नेताओं ने कहा कि सीएम ने किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया तो संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जिसका सामुहिक तौर पर आगामी फैसला कल महापंचायत में लिया जाएगा। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि सरकार पुराने तीनों कानूनों को फिर से किसानों पर थोपना चाह रही है।
नई राष्ट्रीय कृषि मंडीकरण नीति उन्हीं तीनों कानूूनों का एक तरह का प्रारूप है। जो किसानों को बर्बाद करने वाला हैं। उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत प्रभाव से पंजाब सरकार की तरह इस पॉलिसी को रद्द करे। मान ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नई राष्ट्रीय कृषि मंडीकरण नीति को हरियाणा विधानसभा में चालू बजट सत्र के दौरान प्रस्ताव पारित किया जाए और इसे प्रदेश में लागू न किया जाए।
रतन मान ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार यह नीति औद्योगिक घराने के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए लाई है। जिससे अनाज मंडियां खत्म हो जाएंगी। जिससे मजदूरों, किसानों और मंडियों का अस्तित्व हो जाएगा। सरकार को चाहिए कि मंडियों का और ज्यादा विस्तार करे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है।
इस अवसर पर उतरी हरियाणा प्रभारी महताब कादियान, चेयरमैन यशपाल राणा, संगठन सचिव शाम सिंह मान, चेयरमैन साहब सिंह बाजवा, प्रवक्ता सुरेंद्र सागवान, निसिंग प्रधान जोगिंद्र सिंह बस्तली, महासचिव राजेंद्र राणा, किसान नेता बाबूराम डाबरथला, कार्यालय सचिव राजकुमार नोतना, वेद सागवान, रामेश्वर दादुपुर सहित कई कार्याकर्ता मौजूद थे।