सफीदों में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने भूल करके दो दिन पहले प्रस्ताव पारित किया कि चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा है। फिर एसवाईएल कहां पर गई, जिसका हरियाणा के हिस्से का पानी रोका है।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश दिए हुए हैं कि हरियाणा के हिस्से का पानी दिया जाए, इसलिए पहले हरियाणा के हिस्से का पानी देने की बात माननी पड़ेगी। बाकि विशेषों पर बाद में विचार किया जाएगा। कई कमीशनों ने कहा कि पंजाब के हिंदी भाषी 400 गांव हरियाणा के हैं, इसलिए पहले इन गांवों को हरियाणा को दे और उसके बाद आगे की बात करेंगे। पंजाब सरकार आधी अधुरी बात करके जनता को बरगलाने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही ऐसी क्या पड़ गई थी कि एक विवादित मुद्दे विधानसभा में पारित कर दिया। इसका उनको कोई राजनीतिक कारण तो दिखाई नहीं देता, लेकिन यह जरूर दिखाई देता है कि कहीं ने कहीं कुछ लेागों के बहकाव में आ गए हैं।
सतलुज, रावी, व्यास नदियां पंजाब से निकलती है, लेकिन हरियाणा में तो कोई नहर नहीं निकलती है, इसलिए दूसरे मुद्दों से पहले पंजाब को एसवाइएल के मुद्दे पर बात करनी चाहिए और हरियाणा के हिस्से का पानी दिया जाए।
उन्होंने कहा कि पंजाब व दिल्ली में आप की सरकार है, लेकिन दिल्ली सरकार हरियाणा से पानी मांगी रही है, लेकिन दूसरी उन्हीं की सरकार हरियाणा के हिस्से का पानी देने को तैयार नहीं है।