हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने हरियाणा में दलित छात्रा आत्महत्या मामले पर कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला द्वारा सरकार पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि छात्रा विपक्ष द्वारा ही प्रताड़ित थी और विपक्ष हर बात पर राजनीति कर रहा है।
आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि छात्रा किस कांग्रेस विधायक के गांव की थी और किस कांग्रेस विधायक के रिश्तेदार पर आरोप लगाए हैं। यह विपक्ष को समझना चाहिए, उलटा यह सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। मंत्री अनिल विज ने कहा इनको अच्छी तरह चीजों को समझना चाहिए और हम इस मामले में पूरा इंसाफ दिलाएंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कांग्रेस ने कभी स्वीकारा नहीं : कैबिनेट मंत्री अनिल विज
राहुल गांधी के राष्ट्र शोक के बीच विदेश नए साल पर जाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं जिस पर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा मनमोहन सिंह जी को कांग्रेस ने कभी स्वीकारा ही नही, सब जानते है किस तरह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के प्रस्ताव को फाड़ा गया और उन्हें अपमानित किया गया। विज ने कहा राष्ट्र शोककुल है मगर राहुल गांधी विदेश गए है और वह किस लिए गए है यह वो ही बता सकते हैं।
सिविल और पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग अलग-अलग, कुछ लोग तिकड़म लगाकर सिविल पदो पर बैठे जिन्हें हटाया जा रहा है : परिवहन मंत्री अनिल विज
परिवहन मंत्री अनिल विज ने परिवहन विभाग से पुलिस अधिकारियों को हटाने के निर्देश दिए हैं। इस पर मंत्री अनिल विज ने कहा सिविल और पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग अलग अलग होती है। इसलिए सिद्धांत ये कहता है कि पुलिस और सिविल अपने अपने विभाग में ड्यूटी करें, पर कुछ लोग तिकड़म लगाकर सिविल पदों पर आकर बैठ गए थे। इन्हें व्यवस्था समझ नहीं आती। इसलिए मैंने पत्र लिखा था यह ठीक नही। जिसके बाद इन्हें हटाया जा रहा है, कुछ को हटा दिया कुछ को हटा दिया जाएगा।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के गले में भगवा और कांग्रेस शहजादे राहुल गांधी के गले में जनेऊ नजर आए तो समझ लो कि कहीं न कहीं चुनाव नजदीक हैं“ : अनिल विज
वहीं, कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने आज ट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी व दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि “अगर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के गले में भगवा और कांग्रेस के शहजादे राहुल गांधी के गले में जनेऊ नजर आने लगे तो समझ लो कि कहीं न कहीं चुनाव नजदीक हैं।“