हरियाणा निकाय चुनाव में सरकार ने उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा बढ़ा दी है। चुनाव में अब एक लाख से 5 लाख रुपए तक ज्यादा खर्च कर पाएंगे।
मेयर के लिए पहले 25 लाख रुपए चुनाव खर्च की सीमा थी, सरकार ने इसे बढ़ाकर अब 30 लाख रुपए कर दिया है।
निगम मेंबर के लिए भी चुनाव खर्च में डेढ़ लाख रुपए की वृद्धि करके 7.50 लाख रुपए कर दिया है। वहीं काउंसिल के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव खर्च सीमा 16 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया है।
मेंबर 3.5 लाख रुपए के बजाय अब 4.50 लाख रुपए चुनावी खर्च कर सकेंगे। म्यूनिसिपल कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में खर्च सीमा 12.50 लाख रुपए कर दी गई है। इससे पहले वह 10.50 लाख रुपए ही खर्च सकते थे।
सूबे में अगले साल फरवरी तक नगर निकाय चुनाव होने के आसार हैं। सरकार की ओर से इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में फरीदाबाद को सबसे बड़ा नगर निगम घोषित किया गया है। इसमें 46 वार्डों को शामिल किया गया है।
वहीं गुरुग्राम दूसरे नंबर पर है, यहां 36 वार्ड हैं। बाकी नगर निगमों में पानीपत में 26 वार्ड, नवगठित मानेसर में 20 वार्ड, रोहतक में 22, यमुनानगर में 22 और करनाल व हिसार में 20-20 वार्ड शामिल किए गए हैं।
प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार है कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 8 नगर निगमों के लिए पिछड़ा वर्ग (बीसी-बी) के लिए आरक्षण लागू किया है।