आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने बुधवार को बयान जारी कर हरियाणा में बढ़ते नशे के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि नशा आज के समय में युवाओं के जीवन को बर्बाद करने वाला सबसे गंभीर मुद्दा बन चुका है। लेकिन हरियाणा की बीजेपी सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। महंगे चिट्टा और अफीम जैसी पारंपरिक नशे की वस्तुओं की जगह अब मेडिकल ड्रग्स, सस्ती नशे की गोलियों और अन्य सिंथेटिक पदार्थों ने ले ली है। बीजेपी सरकार हरियाणा में बढ़ते नशे के कारोबार को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। बीजेपी सरकार नशे के सौदागरों पर लगाम लगाने में नाकाम है।
उन्होंने कहा कि यह नशा न केवल युवाओं के स्वास्थ्य को नष्ट कर रहा है, बल्कि समाज को भी खोखला बना रहा है। नशे का यह बढ़ता प्रचलन पूरे समाज के लिए खतरे की घंटी है। यह बेहद दुखद है कि युवा पीढ़ी सस्ती गोलियों और मेडिकल ड्रग्स की ओर बढ़ रही है। लेकिन हरियाणा की बीजेपी सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। नशा केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित नहीं करता, बल्कि पूरे परिवार और समाज को बर्बाद कर देता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जड़ों में नशा फैलता जा रहा है, इसकी जिम्मेदार सीधे तौर पर बीजेपी सरकार है। बीजेपी सरकार जिस तरीके से नशा तस्करों पर शिकंजा कसने में फेल हुई है, ये अपने आप में डरावनी स्थिति को पैदा करता है। सरकार केवल फर्जी आंकड़े रखती है। जिसकी जमीन पर कोई सच्चाई नहीं है।
उन्होंने कहा आंकड़े बताते हैं कि साल 2020 में हरियाणा पुलिस ने मादक पदार्थ अधिनियम के 2982 मामले दर्ज किए और 4477 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इस दौरान 297485 गोलियां और 206970 कैप्सूल बरामद किए। इसी तरह से वर्ष 2021 के दौरान हरियाणा पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत 2745 मामले दर्ज किए, 3975 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इस दौरान 1304530 गोलियां और 45280 कैप्सूल बरामद किए। वहीं 2024 में 8358 नशीली दवाइयों की बोतल, 301902 नशीले कैप्सूल, 683087 नशीली गोलियां बरामद की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में नशे के कारण आत्महत्या करने वाले लोगों की संख्या देश में सबसे ज्यादा है। बीजेपी सरकार प्रदेश के युवाओं को खत्म करने पर तुली है।