शहर के महात्मा गांधी चौक से नूर महल चौक तक करीब साढे 3 किलोमीटर लम्बी सडक़ स्मार्ट व सुंदर बनेगी। नववर्ष के फरवरी माह में इस पर काम शुरू होने की प्रबल उम्मीद है। यह परियोजना करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड के डिपोजिट वर्क के तहत नगर निगम द्वारा करवाई जाएगी। इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानि डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। डी.पी.आर. की अंतिम रूपरेखा तैयार करने के लिए नगर निगम आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने इससे सम्बंधित विभागों के अधिकारियों तथा डीपीआर तैयार कर रही चण्डीगढ़ की साकार फाउण्डेशन एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
बैठक में एजेंसी प्रतिनिधियों ने पावर पाँयट प्रैजेन्टेशन के माध्यम से इस सडक़ पर क्या-क्या कार्य किए जाने हैं, इसकी पूरी जानकारी दी। इसके साथ-साथ वह बैठक में मौजूद अधिकारियों से सुझाव भी लेते रहे। निगमायुक्त ने सुझाव दिया कि सडक़ को इस तरीके से स्मार्ट बनाया जाए कि यह नागरिकों के साथ-साथ पर्यावरण के भी अनुकूल हो। सडक़ पर अच्छी दृश्यता, रोड फनीचर्स, सोलर सिस्टम से जुड़ी स्मार्ट एलईडी लाईटें, इलैक्ट्रोनिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन, एम्बूलेंस लाईन, स्मार्ट बस क्यू शैल्टर, वाई-फाई, पर्यावरणीय सुविधा, पक्षियों के लिए ट्री हाऊस, रोड साईड लाईब्रेरी, स्मार्ट जेब्रा क्रॉसिंग एवं स्पीड ब्रेकर तथा पार्किंग स्पेस जैसी सब चीजें डीपीआर में शामिल की जाएं। उन्होंने कहा कि सडक़ पर जल भराव न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने मूर्तियों के डिजाईन बदलने के भी आदेश दिए।
उन्होंने एजेंसी प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि बैठक में मौजूद सभी विभागों के अधिकारियों को ड्राईंग की कॉपी दें, ताकि वह अपने कार्य से सम्बंधित सुझाव दे सकें। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि एक सप्ताह के अंदर-अंदर अपनी-अपनी सेवाएं से जुड़े सुझाव जमा करवाएं, ताकि डीपीआर में उन्हें शामिल किया जा सके। भविष्य की जरूरतों को देखते सीवरेज, वाटर सप्लाई तथा स्टोरम वाटर पाईप लाईनों के लिए उपयुक्त जगह रखी जाए। उन्होंने एजेंसी प्रतिनिधियों को डीपीआर का थ्री-डी व्यू तैयार करने के भी निर्देश दिए।
क्या-क्या होगा स्मार्ट रोड में- निगमायुक्त ने बताया कि स्मार्ट रोड में वाहन चालकों तथा नागरिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं मुहैया होंगी। उन्होंने बताया कि सडक़ का बेहतर डिजाईन, फुटपाथ, साईकिल ट्रैक, सुंदर एवं आकर्षक लाईटें, बेहतर मूर्तिकला, पेंटिंग, सुंदर चौक-चौराहें, फव्वारे, आईलैंड, नागरिकों के लिए बैठने की बेहतर व्यवस्था तथा बिजली की तारों को भूमिगत करने जैसे कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सडक़ सुरक्षा को लेकर इंडियन रोड काँग्रेस के नियमों का पालन किया जाएगा।
स्मार्ट रोड का मकसद- निगमायुक्त ने कहा कि सडक़ों को इलैक्ट्रोनिक, संचार और स्वचालन तकनीकों से जोडऩा ही स्मार्ट रोड का मकसद है। इन्हीं तकनीकों के इस्तेमाल से सडक़ कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सडक़ों पर ट्रैफिक लाईट और स्ट्रीट लाईटिंग का स्मार्ट प्रयोग होता है। सडक़ की स्थिति, ट्रैफिक का स्तर और वाहनों की गति की निगरानी की जा सकती है। सडक़ पर दृश्यता में सुधार किया जा सकता है। सोलर पैनल से बिजली पैदा करके इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज किया जा सकता है।
बैठक में केएससीएल के जीएम रामफल, नगर निगम की कार्यकारी अभियंता मोनिका शर्मा, सहायक अभियंता मदन मोहन गर्ग, कनिष्ठï अभियंता गौरव हुड्डा के अतिरिक्त पीडब्ल्यूडी, एचएसवीपी, यूएचबीवीएन, केसीजीएमसी, बीएसएनएल, आईजीएल तथा ट्रैफिक पुलिस के प्रतिनिधि मौजूद रहे।