December 11, 2024
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गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के सानिध्य में श्री कृष्ण कृपा जीओ गीता परिवार द्वारा गीता जयंती के अवसर पर प्रात: काल में ब्रह्मसरोवर की परिक्रमा आयोजित की गई। ठाकुर जी पालकी पर सवार हुए। सर्वेश्वर महादेव मंदिर के सामने से शुरू हुई परिक्रमा में गाए गए भजनों से वातावरण गूंज उठा। मेरा बार-बार प्रणाम बिहारी तेरे चरणों में —- भजन जब रतन रसिक, राजेंद्र चोपड़ा और सुनील वत्स की टीम ने गाया तो परिक्रमा में शामिल सैंकड़ों श्रद्धालु झूम उठे, सारा वातावरण भक्तिमय हो गया। परिक्रमा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। परिक्रमा के पश्चात ठाकुर जी की आरती उतारी गई। इस अवसर पर प्रमुख रूप से अशोक चावला, विजय नरूला, ब्रह्मचारी शक्ति जी महाराज, सुनील वत्स, हंसराज सिंगला, राजेंद्र चोपड़ा, अशोक अरोड़ा, मंगत राम जिंदल, रमाकांत, नवीन भारद्वाज, पवन भारद्वाज, रामकुमार शर्मा, चंद्र प्रकाश शर्मा प्रमुख रूप से शामिल रहे।
 

इसी के साथ-साथ गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने गीता की जन्मस्थली ज्योतिसर में आयोजित गीता यज्ञ में पूर्ण आहुति डाली। गीता पूजन किया तथा गीता उपदेश के साक्षी वट वृक्ष को प्रणाम किया।

 
गीता मनीषी ने गीता जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गीता की जन्मस्थली ज्योतिसर से पूरे विश्व को गीता का ज्ञान मिला। पवित्र ग्रंथ गीता भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन के माध्यम से दुनिया को दिया गया अनूठा उपहार है। पवित्र ग्रंथ गीता में भगवान श्री कृष्ण के मुख से दिए गए ज्ञान में मानव की हर समस्या का समाधान निहित है। गीता के श्लोकों का स्मरण करने से जहां मन को शांति को मिलती है, वहीं हमारे अध्यात्मिक ज्ञान में भी वृद्धि होती है। गीता भगवान श्री कृष्ण के मुख से गाया हुआ ऐसा गीत है, जो पूरे विश्व के लिए एक अनूठा उपहार है। भगवान श्री कृष्ण ने मोहग्रस्त अर्जुन को गीता का संदेश देते हुए कहा कि फल और चिंता छोडक़र अपना कर्म करना चाहिए। कर्म करने से ही तेरा उद्धार होगा। गीता मनीषी ने कहा कि विश्व कल्याण के लिए सभी को पवित्र ग्रंथ गीता का अनुसरण करना होगा। कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर अनेक संत महात्मा आए। इस धरा का स्मरण करने से ही पुण्य की प्राप्ति होती है। इस धरा पर स्थापित ब्रह्मसरोवर और स्नेहित सरोवर का भी एक धार्मिक और पौराणिक इतिहास है। इन पवित्र सरोवर में स्नान करने से पाप से मुक्ति मिलती है। इस अवसर पर मातृभूमि सेवा मिशन के संचालक डॉ. श्री प्रकाश मिश्रा, अशोक चावला, केडीबी के सदस्य अशोक रोशा, ब्रह्मचारी शक्ति जी महाराज सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने यज्ञ में भाग लिया।
 

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