किसानों के प्रदर्शन के चलते बंद शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए लगाई गई याचिका को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले पहले ही कोर्ट में चल रहे हैं, फिर बार-बार क्यों इस तरह की याचिका दाखिल की जा रही हैं।
कोर्ट ने आगे कहा कि याचिका दाखिल करने से ऐसी धारणा बन रही है कि यहां कोई व्यक्ति केवल लोगों को दिखाने के लिए और प्रचार के लिए मुकदमे करने के लिए आया है। आप पहले से चल रही याचिका में सहयोग करना चाहते हैं तो आपका स्वागत है।
याचिका जालंधर के रहने वाले गौरव लूथरा ने लगाई थी। उन्होंने मांग की थी कि केंद्र सरकार के साथ हरियाणा और पंजाब की राज्य सरकारों को आदेश दिया जाए कि शंभू बॉर्डर समेत उन सभी स्टेट-नेशनल हाईवेज को ट्रैफिक के लिए खोला जाए, जो किसानों की वजह से बंद किए गए हैं।
हाईवेज को इस तरह बंद करना नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। यह नेशनल हाईवे एक्ट के भी खिलाफ है, जो क्रिमिनल एक्टिविटी के दायरे में आता है।
गौरव के वकील ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सड़क बंद होने की वजह से लोगों को दिक्कत होती है।
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका चल रही है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाकर किसानों और सरकार से बातचीत कर मध्यस्थता करने को कहा था। हालांकि अभी तक कोई हल नहीं निकला।