हरियाणा के सहकारिता एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने आज यहां शुगर मिल के 49वें पिराई सत्र की शुरुआत की। हवन-यज्ञ के बाद मंत्री ने मशीन में पिराई के लिए गन्ना डाला। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को मिल में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जायेगी और समय पर भुगतान किया जायेगा।
डॉ. अरविंद शर्मा ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकार किसानों को देश में गन्ने का सर्वाधिक भाव दे रही है। उन्होंने बताया कि जिला के 232 गांवों में गन्ने की पैदावार की जा रही है। चीनी मिल इस समय मुनाफे में है। किसानों और मिल प्रशासन की मेहनत की बदौलत मिल को तीन बार पुरस्कार मिल चुका है। इसके लिए उन्होंने किसानों व मिल प्रबंधन को बधाई दी और कहा कि मिल ज्यादा से ज्यादा उन्नति करें।
उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिये हर वर्ग को भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। भाजपा विश्व की सबसे बडी पार्टी है और मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार से देश आगे बढ़ रहा है, केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर प्रदेश की जनता ने तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिये प्रयासरत हैं। सरकार ने हाल ही में 26 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र दिये हैं। आने वाले समय में महाराष्ट्र व झारखंड में भी भाजपा की ही सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र व हरियाणा सरकार प्रदूषण को लेकर गंभीर है इसके लिए सरकार ने जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक किया ताकि प्रदूषण को कम किया जा सकें।
उन्होंने कहा कि सरकार ने खर्ची-पर्ची सिस्टम को खत्म करके मेरिट के आधार पर नौकरियां दी हंै। आने वाले समय में दो लाख युवाओं का नौकरियां दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 33 हजार पंजीकृत समितियां है जिनसे 55 लाख लोग जुड़े हैं। सरकार हर वर्ग की भलाई के लिये वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि मिल तकनीकी दक्षता के मामले में बेहतर परिणाम दे रही है। जिला का किसान काफी मेहनती है।
हरियाणा शुगरफेड के अध्यक्ष धर्मबीर डागर ने किसानों से अपील की कि से मिल में साफ गन्ना लायें ताकि रिकवरी अच्छी हो सके। मिल ने पिछले सत्र में 49.34 लाख गन्ने की पिराई करके 4.90 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया था और मिल की रिकवरी 9.95 प्रतिशत रही थी। इस साल पिराई का लक्ष्य 50 लाख क्विंटल और रिकवरी 10.01 प्रतिशत रखा गया है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन टोकन से किसानों को समय की बचत हुई है।