हरियाणा के सहकारिता, पर्यटन एवं जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार के पिछले 10 वर्षों के दौरान जिला कारागारों में काफी सुधार हुए हैं और बंदियों के लिए सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं तथा उन्हें परिवार जैसा माहौल दिया जा रहा है, ताकि फिर से वे समाज में सामान्य नागरिक की तरह अपना जीवन व्यतीत कर सकें।
जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा शुक्रवार को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सौजन्य से जिला कारागार में आयोजित गीता पाठ कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि गीता जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में जिला जेेलों में भी गीता पाठ की शुरुआत करवाना एक सराहनीय कदम है। श्रीमद् भगवत गीता में हर समस्या का समाधान है। गीता ज्ञान से व्यक्ति अपने जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है, उसी प्रकार से भगवान श्रीकृष्ण की कर्मभूमि धर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र है। इस क्षेत्र का भी पर्यटन विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के लिए महाभारत सर्किट बनाने का कार्य शुरू किया गया है, ताकि देश-विदेश के श्रद्धालुओं को यहां के इतिहास की पूरी जानकारी मिल सके।
मंत्री ने कहा कि क्षणभर के क्रोध के कारण इंसान नियंत्रण खो बैठता है, जिसके कारण वह न चाहते हुए भी अपराध कर बैठता है। इस परिस्थिति से निपटने के लिए गीता ज्ञान जरूरी है। उन्होंने बंदियों का आह्वान किया कि जाने अनजाने में हुई गलती से हमें सीख लेनी चाहिए और यह संकल्प भी लें कि ऐसी गलती दोबारा न तो स्वयं न करें और न ही दूसरों को करने दें और एक अच्छे नागरिक बनके देश व समाज के नवनिर्माण में अपना भरपूर सहयोग दें। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार बंदियों के पुनर्वास के लिए हर संभव कदम उठाएगी और समाज में उनकी पुन:स्थापना के लिए समर्पित है। उन्होंने बंदियों को आश्वासन दिया कि जेल से जुड़ी जायज समस्याओं का हर संभव समाधान करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हर वर्ग की भलाई के लिए कार्य हो रहा है।
इस अवसर पर जियो गीता संगठन के प्रमुख गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने जिला जेल करनाल का दौरा किया और वहां के बंदियों को गीता ज्ञान और गीता श्लोकों का उपदेश दिया। स्वामी श्री ज्ञानानंद जी के प्रवचन से जेल का माहौल धार्मिक रंगों से सराबोर हो गया। उन्होंने बंदियों को जीवन में सुधार लाने के लिए प्रेरित किया और शांति तथा सद्गुणों का पालन करने का संकल्प दिलाया और कहा कि जो बीती सो बीती, अब निश्चय करें कि अब वे पुन: अपराध से नहीं जुड़ेंगे और जीवन में बदलाव लाएंगे।
उन्होंने कहा कि इंसान क्रोध, लालच व बढ़ती कामनाओं के कारण अपराध कर बैठता है, ऐसे में हमें इससे बचना चाहिए, क्रोध को शांत रखें व बदले की भावना से दूर रहें। उन्होंने कहा कि कारावास के दौरान भी व्यक्ति भविष्य को लेकर अच्छा सोच सकता है, भविष्य का आधार बना सकता है। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों व अन्य लोगों का उदाहरण दिया कि उन्होंने जेल में रहकर गीता पाठ किया, अपने आप को अच्छे विचारों से जोड़ा और दूसरों को भी प्रेरित किया।