हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि गऊ माता का पालन-पोषण करने से राष्ट्र का गौरव भी बढ़ेगा। इसलिए गौमाता को बेसहारा नहीं छोड़ना चाहिए अपितु अपनी मां और बच्चों की तरह पालन-पोषण करना चाहिए। इस देश में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में गाय को माता की संज्ञा दी गई है। इस धरती पर गाय को माता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है और देवी के रूप में पूजा जाता है।
श्री विज गोपाष्टमी के पावन पर्व पर रामबाग गौशाला स्थित मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के उपरांत कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने रामबाग गौशाला में गौ माता की पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ गाय माता को फूलों का हार पहनाया और अपने हाथों से चारा भी खिलाया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने गौशाला के अंदर बने बर्ड टावर को भी देखा और इसके बारे में प्रबंधकों से पक्षियों के लिए दाने और पानी के प्रबंध के बारे में भी पूछा। गौशाला में बनाए गए पक्षियों के रैन बसेरे की कैबिनेट मंत्री ने प्रशंसा भी की है।
गोपाष्टमी का दिन पवित्र और महान, यह दिन सर्वप्रिय गाय के पूजन का दिन है : कैबिनेट मंत्री अनिल विज
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने प्रदेशवासियों को गोपाष्टमी के पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गोपाष्टमी का दिन बहुत पवित्र और महान दिन है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की सर्वप्रिय गाय के पूजन का दिन है। इस देश में देसी गाय के दूध से बने उत्पादों में ए-2 प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है और इसका सेवन करने से बीमारियों से छुटकारा भी मिलता है जबकि विदेशी नस्ल की गाय के दूध में ए-1 प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है और इस प्रोटीन से कई तरह की बीमारियां होने की संभावना भी बनी रहती है। इस देसी गाय को ब्राजील के पशु विशेषज्ञों ने भी अपनाया है। जब वे ब्राजील के दौरे पर गए तो उन्होंने देखा कि गिर नस्ल की गाय का पालन-पोषण किया जा रहा था और इस गाय के दूध से बने उत्पादों का खूब सेवन किया जा रहा था।
प्रदेश सरकार ने गोवर्धन पुनर्वास योजना के तहत प्रदेशभर की 250 गोशालाओं के लिए 70 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की है : मंत्री अनिल विज
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि गोसंवर्धन में जुटी प्रदेश सरकार ने गोवर्धन पुनर्वास योजना के तहत प्रदेशभर की 250 गोशालाओं के लिए 70 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की है। यह वे गोशालाएं हैं जिन्होंने बेसहारा गोवंश को सहारा देने की अनुमति पशुपालन विभाग को दी है। प्रत्येक गौशाला को ‘गोधन’ लेने पर न्यूनतम 3.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता का प्रबंध किया गया है।