गोपाष्टमी का पर्व गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य में श्री कृष्ण कृपा गऊशाला में श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालन विभाग मंत्री श्याम सिंह राणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज तथा श्याम सिंह राणा ने गौ पूजन किया तथा गाए माता को तिलक करके गुड़ खिलाया और आरती की। कार्यक्रम का शुभारंभ श्याम सिंह राणा द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम में पहुंचने पर श्री कृष्ण कृपा परिवार व जीओ गीता की ओर से मुख्यातिथि का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कृषि मंत्री राणा को आशीर्वाद स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर गौ पूजन किया। गौ माता और राधा कृष्ण भाव के भजनों से सारा वातावरण भक्तिमय हो गया।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने गोपाष्टमी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गाय माता आराध्य की आराध्य है। गाय कोई साधारण पशु नहीं, गाय में सभी देवताओं का वास है। गीता मनीषी स्वामी जी ने बेसहारा गौवंश पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि हरियाणा को बेसहारा गौवंश मुक्त प्रदेश बनाया जाना चाहिए, इसके लिए हम सभी को अपना कर्तव्य निभाना होगा। हरियाणा देश का पहला बेसहारा गौवंश मुक्त प्रदेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय राष्ट्र का गौरव है। आज के दिन कन्हैया ने आग्रह करके गौवंश चराने की सेवा प्रारंभ की थी, आज के दिन प्रत्येक व्यक्ति को गौ सेवा और गौ संवर्धन का संकल्प लेना चाहिए। गाय का केवल उपयोग के लिए उपयोग न करें, गाय को बेसहारा न छोड़े। प्रशासन इस मामले में अपनी भूमिका निभा रहा है, लेकिन समाज को भी सहयोग करना चाहिए। गाय के पंच गव्य से अनेक रोग दूर होते हैं और पर्यावरण शुद्ध रहता है। उन्होंने कहा कि गाय हमारी आस्था है, ग से गीता, गंगा, गायत्री, गौ माता और गोवर्धन बनता है। यह सभी हमारे पूजनीय है और सनातन संस्कृति का गौरव है, पूरे विश्व में गाय को माता माना गया है। उन्होंने बताया कि यह गौशाला पहले नगर के प्रमुख समाजसेवी आरडी गोयल चलाते थे, लगभग 12 वर्ष पूर्व इस गौशाला की सेवा श्री कृष्ण कृपा परिवार ने संभाली है। गीता मनीषी ने कहा कि राजस्थान में पशु पालन मंत्रालय के अंतर्गत गौ मंत्रालय बना हुआ है। उन्होंने कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्याम सिंह राणा से आग्रह किया कि वे अपने विभाग के माध्यम से राजस्थान की इस योजना का अध्ययन कराएं, ताकि हरियाणा में भी अलग से गौ मंत्रालय बनाने के प्रयास आगे बढ़ाए जा सके।