November 12, 2024

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सूर्य की उपासना का प्रतीक और लोक परंपराओं के महापर्व छठ उत्सव के अवसर पर आज जिला कुरुक्षेत्र में पवित्र ब्रह्मसरोवर पर आयोजित राज्य स्तरीय छठ पूजा महोत्सव में शिरकत की और सभी को छठ उत्सव की शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सूर्य ग्रहण के समय देश-विदेश के श्रद्धालुओं द्वारा जिस पावन तीर्थ में डुबकी लगाई जाती है, आज उस ब्रह्मसरोवर पर छठ पर्व की आस्था और शोभा को देखकर गर्व का अनुभव हो रहा है। यह पर्व भी सूर्य की उपासना का पर्व है। छठ पूजा को सूर्य उपासना का सबसे पवित्र पर्व माना गया है। ऊर्जा और जीवन शक्ति के देवता सूर्य नारायण की पूजा इस पर्व के दौरान मनोकामना पूर्ति, समृद्धि और प्रगति प्रदान करने के लिए की जाती है। सूर्य की उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति व आस्था का प्रकृति से गहरा जुड़ाव है। छठ पूजा के जरिए हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश के महत्व को बताया गया है।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा से छठ पूजा के सम्बन्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि एक मान्यता के अनुसार छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्यदेव की पूजा शुरू की थी। यहां से 35 किलोमीटर की दूरी पर ही महावीर दानवीर कर्ण की नगरी करनाल स्थित है। वहां आज भी सूर्य पूजा का विशेष प्रभाव दिखता है। उन्होंने कहा कि करनाल में सूर्यनारायण मंदिर के सामने पश्चिमी यमुना कैनाल पर 4 करोड़ 48 लाख रुपये की लागत से स्नान घाट का निर्माण किया गया है। इसी घाट के सामने नहर के दूसरे किनारे पर भी स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत एक और घाट का निर्माण हो चुका है। वहां छठ पर्व पर भारी संख्या में महिलाएं पूजा करती हैं।
छठ पर्व एक भारत श्रेष्ठ भारत का उत्तम उदाहरण
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि छठ पर्व को एक भारत श्रेष्ठ भारत का उत्तम उदाहरण कहा जा सकता है। मूल रूप से पूर्वांचल में मनाया जाने वाला यह पर्व अब विभिन्न प्रदेशों की सीमाएं लांघकर देशभर में मनाया जाने लगा है। पूर्वांचल के मेहनती और कर्मठ भाई-बहन आज विभिन्न प्रदेशों में अपनी कड़ी मेहनत से वहां की अर्थव्यवस्था में योगदान कर रहे हैं। इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने छठ पर्व को राष्ट्रीय पर्व की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि छठ पूजा हेतु साफ पानी के लिए आपको नहर पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है। जहां नहर उपलब्ध नहीं है, वहां आप छोटे-छोटे अस्थायी तालाब बनाकर उनमें पानी भरकर पूजा करते हैं। हरियाणा सरकार पानी के स्रोत का प्रबंध करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के लोगों ने अपनी कठोर मेहनत से हरियाणा के विकास में अहम योगदान दिया है।
मातृशक्ति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का किया प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति की क्षमताओं को पहचानते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और विधान सभा में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि आज छठ पूजा के पावन अवसर पर गर्व का अनुभव हो रहा हैं कि पूर्वांचल के लोगों ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संकल्प को पूरी तरह साकार करके दिखाया है। प्रधानमंत्री के ही मार्गदर्शन में हमने श्रमेव जयते में विश्वास करते हुए पिछले 10 वर्षों में अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। एक ओर जहां श्रमिकों की कार्य-स्थल पर सुरक्षा को मजबूत बनाया है, वहीं उनका दुर्घटना बीमा भी किया जाता है और उनके सामाजिक सरोकारों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। श्रमिक परिवारों को कन्यादान स्कीम के तहत तीन बेटियों की शादी तक हर शादी में 51 हजार रुपये का कन्यादान तथा 50 हजार रुपये शादी का प्रबंध करने के लिए दिये जाते हैं। इसी प्रकार, बेटे व स्वयं की शादी पर भी 21 हजार रुपये की शगुन राशि दी जाती है।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला निर्माण श्रमिक सम्मान योजना के तहत सभी पंजीकृत श्रमिक बहनों को कपड़ों व उनकी व्यक्तिगत जरूरत के लिए 5100 रुपये की सालाना वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा महिला श्रमिकों को सिलाई मशीन खरीदने के लिए 4500 रुपये की वित्तीय सहायता तथा प्रसूति के उपरांत 36 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार पूर्वांचल के लोगों सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। इस मौके पर सूचना जनसम्पर्क भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक केएम पांडू रंग ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया और उपायुक्त नेहा सिंह ने पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

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