कुरुक्षेत्र सरस्वती हेरीटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने रत्नावली समारोह के सांय के सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा व अन्य सभी शिक्षकों, कर्मचारियों को रत्नावली समारोह दी। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि रत्नावली हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर है।
हमारा और आपका समय भिन्न नहीं है क्योंकि हम अपनी संस्कृति से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि रत्नावली समारोह के सभी कार्यक्रमों को अच्छे ढंग से देखें और अपनी संस्कृति को देखकर जहां भी जाएं और उसे आगे बढाएं ताकि हरियाणवी संस्कृति व संस्कार आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए एक पीढ़ी को आगे आना होता है। कल हम थे और आज आप हैं और इस संस्कृति को आप आगे बढ़ाएं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व केडीबी सदस्य व अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती उत्सव प्राधिकरण के आयोजन समिति सदस्य सौरभ चौधरी ने कहा कि वे 1990 से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं और तभी से हरियाणवी संस्कृति को बढ़ाने का कार्य करने में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी हरियाणवी संस्कृति दिन प्रतिदिन उन्नति करें व आगे बढ़े इसके लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा।
इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, प्रो. अनिल गुप्ता, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. ज्ञान चहल सहित शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद थे।