फसल अवशेष जलाने वाले किसान सावधान हो जाएं, क्योंकि अब जिला प्रशासन सख्त हो गया है। जिस खेत में पराली जलेगी, उस खेत की मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रैड एंट्री कर दी जाएगी। इसके बाद किसान को उस रेड एंट्री वाले खेत की धान या गेहूं की फसल नहीं बिक पाएगी। इसके साथ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
कृषि एवं किसान कल्याण अधिकारी डॉ. बाबू लाल ने बताया कि अब ऐसे किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रैड एंट्री की जाएगी, जिससे भविष्य में वह किसान एमएसपी पर न तो अपनी धान की फसल बेच पाएंगे और न ही गेहूं की फसल बेच सकेंगे।
कृषि एवं किसान कल्याण अधिकारी डॉ. बाबू लाल ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पराली जलाने के मामले में कड़ा संज्ञान लिया जा रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा प्रशासन द्वारा जागरूक किया जा रहा है।
किसान किसी भी स्थिति में पराली में आग नहीं लगाए, बल्कि सरकार द्वारा रियायती दरों पर उपलब्ध करवाए गए कृषि यंत्रों जैसे सुपर सीडर, बेलर आदि की मदद से किसान पराली को या तो मिट्टी में मिलाकर खाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं या इनके गट्ठे बनाकर खरीद केंद्रों पर भेजकर अपनी आय बढ़ाएं।