15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन हेतू चुनाव प्रक्रिया जारी है. गत 5 सितम्बर को निर्वाचन संबंधी वांछित नोटिफिकेशन प्रकाशित की गई जिसके साथ ही इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा नामांकन भरने की कवायद आरंभ हो गई है जो अगले सप्ताह गुरूवार 12 सितंबर तक चलेगी. 13 सितंबर को नामांकन की जांच होगी जबकि 16 सितंबर उम्मीदवारी वापिस लेने का अंतिम दिन है. अगले माह 5 अक्तूबर को मतदान जबकि 8 अक्तूबर को मतगणना होगी.
जहाँ भाजपा ने लगातार अम्बाला शहर वि.स. सीट से तीसरी बार असीम गोयल को चुनावी मैदान में उतारा है जिनके सामने जीत की हैट्रिक लगाने का दुर्लभ अवसर है, वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा फिलहाल लंबित है हालांकि चौधरी निमल सिंह मोहड़ा को पार्टी टिकट मिलने की प्रबल सम्भावना जताई जा रही है.
इसी बीच शहर निवासी हाईकोर्ट एडवोकेट और राजनीतिक विश्लेषक हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बताया कि आज से पांच वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2019 में 14वी हरियाणा विधानसभा आम चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ था कि ट्विन सिटी की दोनों विधानसभा सीटों नामत: अम्बाला शहर और अम्बाला कैंट पर कांग्रेस के उम्मीदवारों क्रमश: जसबीर मलौर और वेणु सिंगला दोनों अपनी ज़मानत राशि भी नहीं बचा पाए थे.
इसका कारण था शहर और कैंट दोनों विधानसभा सीटों से कांगेस के बागी उम्मीदवार एवं पिता-पुत्री की जोड़ी अर्थात निर्मल सिंह और चित्रा सरवारा द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर टिकट न मिलने कारण निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उक्त सीटों पर चुनाव लड़ना.
शहर विधानसभा सीट से निर्मल सिंह ने 55 हज़ार 944 वोट अर्थात 36.38 % वोट प्राप्त कर चुनाव परिणाम में दूसरे नंबर पर रहे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार जसबीर मलोर को केवल 20 हजार 91 अर्थात केवल 13 % ही वोट मिल सके. चुनाव में हालांकि भाजपा के असीम गोयल ने निर्मल को 8 हजार 952 वोटों के अंतर से पराजित किया था.
वहीं अम्बाला कैंट वि.स. सीट पर पिछली बार चित्रा सरवारा ने 44 हजार 406 अर्थात 36.48 % वोट प्राप्त कर चुनाव परिणाम में दूसरे नंबर पर रही थी जबकि कांग्रेस उम्मीदवार वेणु सिंगला को केवल 8 हजार 534 अर्थात केवल 7 % ही वोट मिल सके. उस चुनाव में भाजपा के अनिल विज ने चित्रा को 20 हजार 165 वोटों से हराया था. ‘
बहरहाल, हेमंत ने बताया कि जहाँ तक अम्बाला शहर विधानसभा हलके का विषय है, तो आज तक यहाँ हुए 13 चुनावो में भाजपा ने 8 बार और कांग्रेस ने 5 बार जीत हासिल की है. वर्ष 2019 में जसबीर मलौर से पहले शहर वि.स. हलके से कांग्रेस उम्मीदवार की कभी भी ज़मानत जब्त नहीं हुई थी हालाकि वर्ष 2005 में भाजपा की दिवंगत नेत्री वीना छिब्बर और वर्ष 2009 भाजपा के डॉ. संजय शर्मा दोनों शहर हलके से अपनी ज़मानत राशि नहीं बचा पाए थे.
कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे विनोद शर्मा (वर्तमान में हरियाणा जनचेतना पार्टी-वी के सुप्रीमो ) के नाम वर्ष 2005 में वीना छिब्बर और वर्ष 2009 में डॉ. संजय शर्मा की विधानसभा आम चुनावों में ज़मानत जब्त कराने का रिकॉर्ड है.
इसी प्रकार अम्बाला कैंट विधानसभा हलके में भी कांग्रेस पार्टी ने पांच बार और भाजपा ने 7 बार जीत हासिल की जबकि दो बार वर्ष 1996 और वर्ष 2000 में अनिल विज निर्दलीय के तौर पर चुनाव यहाँ से जीते. लिखने योग्य है कि विज ने चार बार भाजपा के टिकट पर- सर्वप्रथम मई, 1990 में हुए उपचुनाव में एवं वर्ष 2009, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार अर्थात हैट्रिक लगाकर कैंट से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता.