डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि देश को आजाद हुए 78 साल हो चुके हैं। इस दौरान अनेकों सरकार आईं और गईं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अरविंद केजरीवाल ने काम की राजनीति शुरू की। दिल्ली की जनता ने लगातार तीसरी बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई। एक ईमानदार मुख्यमंत्री चुना और ये अरविंद केजरीवाल की काम की राजनीति से संभव हो पाया।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल काम की राजनीति करने वाले एकमात्र राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने दिल्ली के स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया, अस्पतालों में फ्री इलाज की सुविधा दी। बेहतरीन कॉलेज बनाने का काम किया। आज हरियाणा सहित देश का बच्चा बच्चा चाहता है कि दिल्ली के स्कूल और कॉलेज में दाखिला मिले।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को 24 घंटे बिजली फ्री दी, बुजुर्गो को फ्री तीर्थ यात्रा की सुविधा दी। महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने का कानून बनाया। इसके बावजूद भी दिल्ली में साढ़े आठ हजार करोड़ का फायदा लाने का काम किया।
दिल्ली और पंजाब के बाद एक ईमानदार सरकार की जरूरत हरियाणा में भी है। सिर्फ एक बार जाति और धर्म की राजनीति को छोड़कर काम की राजनीति को चुने। एक बार बड़े नेताओं के बच्चों को छोड़कर अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट दें।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कहा कि अब हरियाणा में बदलाव का वक्त आ गया है। इतनी बड़ी संख्या में पहुंचकर आप लोगों ने बदलाव का संदेश देने का काम किया है। हरियाणा में भी दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी।
आप लोगों ने सभी सरकारों को वोट देकर देखा है। पुरानी पार्टियां बहुत देख चुके हो। इसलिए अब अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार बनानी है। दिल्ली और पंजाब के बाद अब हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा कि पिछली किसी भी सरकार ने आम जनता के काम नहीं किए। बिजली, पानी, स्कूल और रोजगार के काम किसी भी सरकार में नहीं हुआ। बीजेपी ने केवल भ्रष्टाचार करने का काम किया। आम आदमी पार्टी की सरकार में जो सुविधाएं मुख्यमंत्री और मंत्रियों को मिलती हैं, वो सारी सुविधाएं आम लोगों को मिलेंगी। ये अरविंद केजरीवाल की गारंटी है।
उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया ने दो साल जेल काटी है। इनका कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने गरीब के बच्चों के लिए शानदार सरकारी स्कूल बनाए। बीजेपी के लोग चाहते थे कि गरीब का बच्चा पढ़े नहीं, वो केवल भीड़ का हिस्सा बना रहे। इसलिए मनीष सिसोदिया और बीजेपी का टकराव हुआ।
जब इनका टकराव हुआ तो बीजेपी ने ईडी और सीबीआई इनके पिछे लगा दिया। इनके ऊपर दबाव था कि सरकारी स्कूलों को शानदार बनाना बंद करें। गरीबों के बच्चों को पढ़ाना बंद करें, लेकिन मनीष सिसोदिया झुके नहीं। बदलाव के लिए, बच्चों की शिक्षा के लिए संघर्ष आज भी जारी है।