प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व कोषाध्यक्ष एडवोकेट रोहित जैन ने कहा कि भाजपा सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अंबाला शहर में तो ट्रिपल इंजन की सरकार भी फेल हो गई है। जैन पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों से बेहद दुखी है। इसी वजह से जनता इस सरकार से निजात पाना चाहती है। जैन ने कहा कि अब शिकस्त को सामने देखकर भाजपा के मुख्यमंत्री नायब सैनी व प्रदेशाध्यक्ष बौखला गए हैं।
इसी वजह से सीएम के चुनाव लड़ने को लेकर दोनों एक दूसरे से अलग अलग बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी की संभावित हार को देखते हुए खुद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जींद रैली में आने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा सरकार के लिए करारे झटके से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल पूरी तरह से टूट चुका है।
बेरोजगार युवा पलायन को मजबूर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रोहित जैन ने बेरोजगारी को लेकर भी राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी भी प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने की ठोस योजना नहीं बनाई। इसी वजह से प्रदेश के युवा रोजगार के लिए ठोकरें खाने को मजबूर हैं। रोजगार की तलाश में युवा अपने पुश्तैनी जमीन जायदाद बेचकर गैरकानूनी तरीके से विदेश की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भर्ती के लिए जितनी भी परीक्षाएं आयोजित की सभी के पेपर लीक हो गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश पेपर लीक का हब बन चुका है। सभी परीक्षाओं के पेपर लीक होने से युवाओं का भविष्य भी अंधकारमय हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पेपर लीक के मामले में नया रिकॉर्ड कायम कर चुकी है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पिछले दस सालों से आंखें मूंदकर बैठा है।
उन्होंने कहा कि एचकेआरएन के तहत एक लाख 20 हजार युवाओं की भर्ती होनी थी। राज्य सरकार की नीयत कभी इन पदों को भरने की नहीं रही है। इसी वजह से बेरोजगारी में प्रदेश नंबर वन हो गया। जैन ने तमाम कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर पार्टी नीतियों का प्रचार घर घर में करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी हर कार्यकर्ता को पसीना बहाना होगा। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत से ही कामयाबी संभव हो पाएगी। जैन ने कहा कि चुनावी मैदान में कई बरसाती मेंढक आएंगे। इन मेंढकों को भी इस बार वोट की चोट से सबक सिखाना है।