मीडिया वेलबिंग एसोसिशएन की दो प्रमुख मांगो को मानने के लिए कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर का आभार व्यक्त किया है।एसोसिशएन के महामंत्री सुरेंद्र मेहता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश उप्पल, जिला अध्यक्ष देवी दास शारदा के नेतृत्व में कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर से भेंट कर उन्हे बुक्के व शाल ओढ़ाकर उनका धन्यवाद किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनकी एसोसिएशन की ओर से पिछले करीब एक वर्ष से उठाई जा रही दो प्रमुख मांगों, जिनमें किसी भी पत्रकार पर एफआईआर होने पर उसकी मान्यता रद्द करने और पेंशन रोकने तथा परिवार में एक से अधिक पत्रकार होने पर केवल एक को ही पेंशन देने को सरकार ने अब खत्म कर दिया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई है।
हरियाणा सरकार ने एसोसिएशन की ये मांगे स्वीकार कर ली है। उन्होने कहा कि हरियाणा में सेवानिवृति के बाद पत्रकारों के परिवार में केवल एक व्यक्ति को ही पेंशन मिलने की शर्त को सरकार ने वापसी लेकर एक सराहनीय कार्य किया है, क्योंकि जब अधिकारियों और कर्मचारियों व राजनेताओं को पहले से यह छूट है तो पत्रकारों को इसमें छूट देने की मांग उनकी एसोसिएशन की ओर से पिछले लंबे समय से की जा रही थी।
इसी प्रकार से हरियाणा में पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज होने पर उनकी मान्यता रद्द करने और पेंशन वापसी के प्रावधान को भी वापस लेकर सरकार ने बहतरीन कार्य किया है। उन्होंने कहा कि मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन पत्रकारों के हितों के लिए लंबे समय से कार्यरत है। इस अवसर पर कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा की मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है।
जो समाज के लिए कार्य करता है ।इस समाज के लिए कार्य करना सरकार का कर्तव्य बनता है ।इन मांगों के अलावा मीडिया वेल बींग एसोशियेशन की जो भी अन्य मांगे हैं वह भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जाएगी।
कंवर पाल गुज्जर ने कहा की वेलबींग नाम अनुरूप एम डब्ल्यू बी निस्वार्थ भावना से पत्रकारों के हितों के लिए कार्य कर रही है।जो सराहनीय है।पत्रकारों के दुख सुख में खड़ा होना इस संस्था की पहनचान बन कर उभरा है।
इन मांगों को भी पूरा करे सरकार
मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन कृषि मंत्री से यह भी मांग करती है कि पत्रकारों की पेंशन बढ़ाकर 30 हजार रुपए प्रतिमाह की जाए। एसोसिएशन को एक कनाल का प्लाट भवन बनाने के लिए दिया जाए। हरियाणा में 20 साल से अधिक समय से जो भी व्यक्ति एक्टिव पत्रकार है, चाहे वह मान्यता प्राप्त नहीं है, को भी पेंशन के प्रावधान का लाभ दिया जाना चाहिए। मीडिया की डिजिटल प़लिसी में सरलीकरण करके उन्हें मान्यता प्रदान करने पर सरकार ध्यान दें।
पेंशन आयु को 60 साल से कम कर 55 वर्ष की जाए। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों की तरह से पत्रकारों को भी कैशलैस सुविधा प्रदान की जाए। इस अवसर पर इस मौके पर पवन शारदा, गुलशन कुमार अवतार सिंह चुघ, अरविंद शर्मा, प्रवीण मोदगिल, मोहित विज , नरेंद्र बक्शी, विनोद धीमान व अनिल दत्ता विशेष रूप से मौजूद रहें।