आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने पार्टी हरियाणा में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण हरियाणा के हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। हरियाणा में स्वास्थ्य व्यवस्था पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है।
हरियाणा में भाजपा सरकार पूरे तरह से विफल हो चुकी है। उन्होंने डॉक्टर्स के खाली पड़े 50% पदों को भरने, अस्पतालों में मशीनों के प्रबंध और जिन अस्पतालों के भवन जर्जर हो चुके हैं उनको नए सिरे से बनाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं में भारी कमी आती जा रही है। हरियाणा के सभी मेडिकल कॉलेज केवल रेफर सेंटर बन कर रह गए हैं। करनाल मेडिकल कॉलेज रेफर सेंटर बन कर रह गए हैं।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम जैसे शहर में 12 साल से कम आयु वाले बच्चों के लिए बाल चिकित्सा और आईसीयू नहीं है। यदि गुरुग्राम जैसे शहर में ये हालात हैं तो बाक़ी हरियाणा में क्या हालत होंगे।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सही व्यवस्थाएं न होने के कारण नर्सें भी हड़ताल पर रहती हैं और डॉक्टर भी। बड़े बड़े अस्पतालों में भी मशीनें नहीं हैं। सरकारी अस्पतालों की हालत इतनी बुरी है कि एक बेड पर तीन-तीन मरीजों का इलाज हो रहा है। इसके अलावा अस्पतालों में न बिजली, न डॉक्टर और न दवाइयां हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 2015 में एम्स की घोषणा कर कर गए थे। लेकिन भाजपा वाले आज तक ओपीडी शुरू नहीं करवा पाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने हरियाणा में 500 जन औषधि केंद्र खोलने की बात कही थी, लेकिन आज के समय सभी बंद होने के कगार पर हैं।
उन्होंने कहा कि इस चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था और अस्पतालों के बदहाल हालात की वजह से लोगों को मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता है, जहां इलाज बहुत महंगा है। हरियाणा में सरकारी अस्पताल सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ पंजाब सरकार ने अपना हेल्थ का बजट 400% बढ़ा दिया।
पंजाब के गांव-गांव में विश्व स्तरीय मोहल्ला क्लीनिक खुल रहे हैं जहां हर तरह की बीमारी का इलाज मुफ्त हो रहा है। दिल्ली और पंजाब में हुई स्वास्थ्य क्रांति से हरियाणा की जनता बहुत प्रभावित है। वह हरियाणा में भी अरविंद केजरीवाल का हेल्थ मॉडल लाना चाहती है।