सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना किसी भी संकट की स्थिति में परिवार के लिए सुरक्षा चक्र का काम करती है। यह योजना बैंक खातों के माध्यम से जुड़ी होती है। इसमें हादसों में होने वाली असमय मृत्यु और अंग-भंग होने पर आर्थिक मदद मिलने के साथ-साथ पेंशन योजना का लाभ भी शामिल है। खाता धारक को सालाना नाममात्र राशि प्रीमियम के तौर पर देनी होती है। यह मामूली राशि परिवार के लिए मुसीबत की घड़ी में बहुत सहारा प्रदान करती है।
बैंकों के माध्यम से सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा योजना के नाम से बड़ी ही महत्वाकांक्षी योजना चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि कोई हादसा होता है तो वह परिवार के लिए मुसीबत बन जाता है।
ऐसे में यदि किसी बीमा योजना से जुड़े होते हैं तो परिवार को आर्थिक मदद मिल जाती है, जो बहुत बड़ा सहारा होती है। सामाजिक सुरक्षा बीमा योजनाएं इस मुसीबत की घड़ी में बड़ी सहायक साबित होती हैं। लोगों को चाहिए कि वे अपने संबंधित बैंक में जाकर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुडं़े।
उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा योजना में अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना शामिल हैं। ये सभी योजनाएं संकट की घड़ी में बहुत ही मददगार बनती हैं।
इन योजनाओं का लाभ उन्हीं लोगों को मिलता है, जिनके बैंक में खाते होते हैं और इन योजनाओं के लिए निर्धारित राशि सालाना प्रीमियम के तौर पर अदा करते हैं। इस योजना से जुडऩे के लिए अपने संबंधित बैंक में फॉर्म भरकर देना पड़ता है। इसके बाद खाताधारक इस योजना से जुड़ा रहता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लाभ लेने के लिए महज 20 रुपए सालाना प्रीमियम देना होता है। 18 से 70 वर्ष की आयु वर्ग के लोग इस योजना से जुड़ सकते हैं। हादसे में मृत्यु होने पर इस योजना से जुड़े परिवार को दो लाख रुपए बीमा कवर के रूप में मिलते हैं।
इसके अलावा किसी हादसे में एक हाथ या एक पैर या एक आंख खत्म होने पर अथवा दोनों हाथ, दोनों पैर या दोनों आंख जाने पर एक लाख रुपए पीड़ित को मिलते हैं।
इस योजना का लाभ लेने के लिए मृतक के परिजनों द्वारा या हाथ-पैर गंवाने वाले व्यक्ति द्वारा हादसा होने के 30 दिन के अंदर-अंदर अपने संबंधित बैंक में सूचना देनी जरूरी है।