November 24, 2024
कुरुक्षेत्र के प्राचीन धार्मिक स्थल बिरला मंदिर को बचाने के लिए नगर की सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं और गणमान्य लोगों की बैठक मंगलवार को अखिल भारतीय सारस्वत ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद नरेंद्र शर्मा निंदी की अध्यक्षता में सारस्वत धर्मशाला में हुई।
इस बैठक में समाजसेवी अशोक शर्मा पहलवान द्वारा बिरला मंदिर को बिकने से बचाने के लिए छेड़ी गई मुहिम का समर्थन किया गया। सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि बिरला मंदिर को किसी भी कीमत पर बिकने नहीं दिया जाएगा। बैठक में नगर की सभी संस्थाओं और राजनीतिक दलों से अपील की गई कि सब इकट्ठे होकर बिरला मंदिर को बचाने के लिए आगे आए और अशोक शर्मा की मुहिम का बढ़चढ़ कर समर्थन करें।
 बैठक में श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जेलेश शर्मा, मुल्तान सभा के पूर्व प्रधान एवं पूर्व पार्षद विवेक मेहता विक्की, पूर्व पार्षद मनु जैन, पूर्व पार्षद ओम प्रकाश ओपी, पूर्व पार्षद पंकज चोचड़ा, पूर्व पार्षद नरेंद्र राजू चौहान, पूर्व पार्षद गौरव शर्मा गोरी, पूर्व पार्षद अमित गर्ग शैंकी, रोड समाज के नेता एवं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व संगठन सचिव सुभाष पाली, रमेश शर्मा पाई, प्रेमजीत शर्मा पाई, राजेंद्र शर्मा, जोगना खेड़ा उपस्थित रहे।
पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए नरेंद्र शर्मा निंदी ने बताया कि कुरुक्षेत्र की पहचान और शान बिरला मंदिर को बेच ज दिया गया है। इस स्थान पर मार्केट का बनाने की योजना हैं। बिरला मंदिर को किसी भी कीमत पर बिकते नहीं दिया जाएगा। समाजसेवी अशोक शर्मा पहलवान ने बिरला मंदिर को बचाने की, जो मुहिम छेड़ी है, हम सभी उसका समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि बिरला मंदिर को बचाने के लिए कोई भी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने नगरवासियों से अपील करते हुए कहा कि बिरला मंदिर बचाने के लिए एकजुट होकर आंदोलन करें। उन्होंने आरोप लगाया कि एक नामी बाबा ने बिरला मंदिर परिसर को खरीद लिया है। यहां पर वह बाबा मार्केट बनाने की योजना बना रहा है। इस स्थान पर किसी भी कीमत पर मार्केट नहीं बनाने दी जाएगी।
श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा ने कहा कि सभा बिरला मंदिर को बचाने के लिए अशोक शर्मा पहलवान का पूर्ण रूप से समर्थन करती है। सभी नगरवासी एकजुट होकर पर बिरला मंदिर को बचाने की मुहिम में उनका समर्थन करें।
उन्होंने कहा कि बिरला मंदिर की जायदाद को बेचने का सिलसिला पिछले कई वर्षो से चल रहा है। पहले रेलवे रोड पर बिरला गौशाला की जमीन को बेच दिया गया। उसके बाद ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर स्थित बिरला संस्कृत महाविद्यालय का छात्रावास एवं भोजनालय बेचा गया और अब पता चला है कि पूरा बिरला मंदिर ही बेच दिया गया है, जहां अब मार्केट बनाने की योजना है। सरकार और प्रशासन से मांग है कि बिरला मंदिर को बचाने से रोका जाए।

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