आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने प्रेसवार्ता कर शिक्षा घोटाले में सीबीआई की एफआईआर पर हरियाणा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता पिछले नौ दस साल से बीजेपी की योजनाओं से तो त्रस्त है, लेकिन अब वो परतें खुलने लगी हैं जिससे पता चलता है कि बीजेपी की सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
बीजेपी के मंत्री और नेता शुरू से ही भ्रष्टाचार को शह देते आए हैं। कुछ दिन पहले ही सीबीआई ने शिक्षा घोटाल में एफआईआर दर्ज की है। उस एफआईआर मकसद जितना जांच करना है उससे ज्यादा बीजेपी नेताओं को बचाना है।
बीजेपी ने 2014 से 2016 तक दो साल में सरकारी स्कूलों में 4 लाख बच्चों का फर्जी दाखिला दिखाया गया। इन बच्चों के नाम पर वजीफे, मिड डे मील और वर्दी के करोड़ों रुपए गबन कर लिए। बीजेपी के शीर्ष नेताओं और उस समय के शिक्षामंत्री के सह के बिना पूरे हरियाणा में इतना बड़ा फर्जी दाखिले का घोटाला संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही ये सीबीआई ने एफआईआर की है। सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल पहले 2019 में कहा था कि एसबीआई तीन महीने में जांच करके रिपोर्ट फाइल करे। उस केस में ऐसे सुबुत और आंकड़े मौजूद हैं कि सीबीआई को रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी। लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने में पांच साल लगा दिए। क्योंकि बीजेपी के बड़े नेताओं को बचाना था।
उन्होंने कहा कि जब सीबीआई मानती है कि 4 लाख दाखिले फर्जी हुए थे, इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था और इसमें बहुत सारे अधिकारी शामिल हैं। बच्चों की वर्दी, मिड डे मील और वजीफ का पैसा कागजों में दिखाकर भ्रष्टाचार में हड़प लिया गया तो ये कैसे संभव है कि पूरे हरियाणा में घोटाला हो और उसमें उस समय के शिक्षामंत्री और मुख्यमंत्री का हाथ न हो।
इसलिए आम आदमी पार्टी का आरोप है कि उस समय के शिक्षामंत्री राम बिलास शर्मा को सीबीआई इस पूरे घोटाले में बचाने का प्रयास कर रही है। 4 लाख बच्चों के फर्जी दाखिले के मामले में जो घोटाला हुआ इसमें सीबीआई बीजेपी के नेताओं, तत्कालीन मुख्यमंत्री और तत्कालीन शिक्षामंत्री को बचाने का प्रयास कर रही है।
उनके मिलीभगत की जांच भी सीबीआई की एफआईआर के दायरे में आनी चाहिए और कोर्ट को भी इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए कि कैसे सरेआम नेताओं को बचाया जा रहा है। उस लिस्ट में महेंद्रगढ़ के 68 और नूंह के 85 स्कूलों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ।
उन्होंने कहा कि ये सिर्फ एक मामले में नहीं होता, बीजेपी के किसी भी घोटाले को उठाकर देख लो जब भी इनका भ्रष्टाचार पकड़ा जाता है तो उसको अधिकारियों पर टाल कर निकल जाना चाहते हैं। अधिकारियों को शिकार बनाते हैं, उनको सस्पेंड कर देते हैं और जेल में डाल देते हैं। लेकिन कभी भी इन्होंने बीजेपी के नेताओं का नाम सामने नहीं आने दिया।
वहीं दिल्ली में आम आमदी पार्टी के नेताओं से न कोई बरामदगी हुई और न कोई सुबुत है। उसके बावजूद भी सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग करके आम आदमी पार्टी के नेताओं जेल में डाल रखा है। वही सीबीआई हरियाणा में भ्रष्टाचार करने वाले लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है। उनके नाम एफआईआर से हटाए जाते हैं।