July 7, 2024

कोर्ट केसों की पैरवी करने के लिए वकीलों की निर्धारित फीस में बढ़ोतरी करने की घोषणा करते हुई मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने कहा कि  जिला या उपमंडल स्तर पर कोर्ट केस के लिए वकील की फीस 1100 रूपए से बढ़ाकर 5500 रूपए तथा उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय में पैरवी हेतु फीस 5500 रूपए से बढ़ाकर 33,000 रूपए की जाएगी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत द्वारा गांव में स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस पर किए जाने वाले आयोजन व किसी  विशिष्ट अधिकारी या मंत्री के गांव में आगमन पर किए जाने वाले कार्यक्रम के लिए पंचायत फंड से खर्च की सीमा को 3000 रूपए से बढ़ाकर 30,000 रूपए करने की घोषणा की।

इसी प्रकार, राष्ट्रीय ध्वज खरीदने या राष्ट्रीय पर्व पर मिठाई बांटने, पंचायत की गतिविधियों के प्रचार करने इत्यादि पर खर्च की सीमा को 500 रूपए से बढक़र 5000 रूपए करने का भी ऐलान किया। साथ ही गांव में होने वाले सरकारी कार्यक्रमो के मद्देनजऱ सरपंच के पद को प्रोटोकॉल सूची में शामिल करने की भी घोषणा की। अब सरपंच के बैठने का स्थान डीसी व एसपी के साथ होगा।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात सफाई कर्मचारी के मासिक मानदेय में किया इजाफा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात सफाई कर्मचारियों के मानदेय में

1000 रूपए की बढ़ोतरी की घोषणा की। गांव की सरकार लोकतंत्र की सशक्त तस्वीर  – मुख्यमंत्री
गांव की  सरकार को लोकतंत्र की सशक्त तस्वीर बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है।  इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रत्येक गांव का विकसित होना भी उतना ही जरुरी है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि गांव में विकास को गति देने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

पिछली सरकारों द्वारा गांव के विकास को लेकर किये गए भेदभाव  का जिक्र करते हुई मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें गांव के विकास के लिए पैसा खर्च करने से बचती थी।  जहाँ वर्ष 2014 से पहले पंचायतों  के लिए राज्य वित्त आयोग का अनुदान 600 करोड़ रूपए था, वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हरियाणा के लिए अनुदान की इस राशि को बढ़ाकर 2968 करोड़ रूपए किया गया है।

इतना ही नहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में ग्रामीण विकास के लिए 7276.77 करोड़ आबंटित किये गए हैं जबकि पूर्व की सरकार में 2013-14 के  दौरान यह राशि 1898.48 करोड़ रूपए थी।

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