हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने पंचायत प्रतिनिधियों को कई सौगातें देते हुए ऐलान किया कि अब सरपंच इ-टेंडरिंग के बगैर 21 लाख रुपए तक के विकास कार्य अपनी ग्राम पंचायतों में करवा सकेंगे। इससे पहले यह लिमिट 5 लाख रूपए थी। इसके साथ ही सरपंचों को टीए/डीए देने का भी ऐलान भी मुख्यमंत्री ने किया। अब सरपंच ग्राम पंचयतों के कार्यों के लिए अपनी गाड़ी या टैक्सी से यात्रा करने पर 16 रूपए प्रति किलोमीटर की दर से यात्रा खर्च क्लेम कर सकेंगे। इतना ही नहीं, टीए/डीए क्लेम करने के बिल का अनुमोदन भी बीडीपीओ के स्तर पर ही हो जाएगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह आज कुरुक्षेत्र में आयोजित राज्य स्तरीय पंचायती राज एवं सरपंच सम्मलेन में प्रदेशभर से आये पंचायत प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। ग्राम पंचायतों के समक्ष मिट्टी के भरत को लेकर आ रही समस्या पर मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा भरत (मिटटी की लागत) का प्रस्ताव पास करके भेजने पर इसका खर्च भी एस्टीमेट में शामिल किया जाएगा। इससे पहले भरत की लागत कार्य के एस्टीमेट में शामिल नहीं होती थी और भरत का काम मनरेगा से अथवा गांव द्वारा अपने खर्चे पर करवाना पड़ता था।
जूनियर इंजीनियर 10 दिन के भीतर एस्टीमेट बनाकर करेगा अपलोड
जूनियर इंजीनियर द्वारा कई महीनो तक एस्टीमेट नहीं बनाने की समस्या का समाधान करते हुए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि सरपंच जैसे ही किसी विकास कार्य का पंचायत द्वारा पारित किया गया प्रस्ताव पोर्टल पर डालेगा तो जूनियर इंजीनियर को उसके 10 दिन के भीतर एस्टीमेट बनाकर अपलोड करना होगा। इससे विकास कार्यों में और तेजी सुनिश्चित हो सकेगी।