November 21, 2024

हरियाणा के स्थानीय शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगमों में लोगों के बिना वजह चक्कर लगवाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

इस प्रदेश की सभी नगर निकायों में अधिकारियों को लोगों की समस्याओं का मौके पर समाधान करना होगा तथा गर्मी के सीजन में लोगों के पीने के पानी की व्यवस्था का विशेष ध्यान देना होगा।

इतना ही नहीं अधिकारियों को शहर की सफाई व्यवस्था पर विशेष फोकस रखकर काम करना होगा ताकि आने वाले कुछ दिनों में ही शहर की सफाई व्यवस्था में बदलाव नजर आए।

स्थानीय शहरी निकाय मंत्री ने शुक्रवार को तरावड़ी नगर पालिका का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान राज्यमंत्री ने नगर पालिका के हर कक्ष का अवलोकन किया, सफाई व्यवस्था का जायजा लिया और प्रोपर्टी टैक्स के आंकड़ों का बारीकि से मूल्याकंन किया।

इस निरीक्षण के दौरान नगर पालिका में कार्य करवाने के लिए पहुंचे लोगों से बातचीत की, उनकी समस्याओं को सुना और समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया। इसके अलावा हाजिरी रजिस्टर को भी चैक किया। राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने अधिकारियों को सख्त आदेश दिए कि शहर की सफाई व्यवस्था में कमी नहीं रहनी चाहिए, इसके लिए बकायदा शैड्यूल तैयार किया जाए और शैड्यूल के अनुसार अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए।

सभी कर्मचारी रोजाना सफाई व्यवस्था की प्रगति रिपोर्ट नगर पालिका सचिव या कार्यकारी अधिकारी को सौंपना सुनिश्चित करेंगे।  अगर सभी मेहनत और ईमानदारी के साथ कार्य करेंगे तो निश्चित ही शहर की सफाई व्यवस्था में एकदम परिवर्तन नजर आएगा।

उन्होंने कहा कि मुखयमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेशानुसार शहर के लाखों लोगों को सहूलियत देने के लिए कईं महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए है। इन फैसलों से लोगों का जीवन सहज होगा और नगर निकायों से संबंधित कार्यो के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

शहरवासियों को निकायों में सम्पत्तियों के पंजीकरण करवाने के झंझट से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया गया है, अब शहरी क्षेत्र में प्लॉट की रजिस्ट्री होने के बाद भू-मालिकों को उसे पंजीकरण करवाने के लिए निकायों के धक्के नहीं खाने पड़ेंगे बल्कि घर बैठे ही एचएसवीपी और एचएसएआईआईडीसी की तर्ज पर तहसील में किसी प्रकार की सम्पत्ति की रजिस्ट्री होने पर सीधा विवरण निकायों के पोर्टल पर अपलोड होगा।

शहरों में कृषि भूमि को एनडीसी के दायरे से बाहर किया गया है साथ ही निकायों में खाली पड़े प्लॉटों को बेचने का रास्ता भी साफ हो गया है।

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