भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा है कि उनका आंदोलन सत्तासीन पार्टियां बदलने का नहीं था। वो तो आंदोलन के मास्टर हैं। उनके आंदोलन का ही असर था कि चुनाव में पार्टियों ने किसानों के मुद्दों को अपने घोषणापत्र में शामिल किया है। ये बात टिकैत ने हिसार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
वह हिसार में इम्पिरिकल माइंडस सोसायटी द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में भाग लेने के लिए आये हुए थे। ये सोसायटी हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुछ पूर्व कृषि वैज्ञानिकों, समाज के बुद्धिजीवियों व अन्य कृषि क्षेद्ध से जुड़े विशेषज्ञों ने मिलकर बनायी हुई है। इस सोसायटी में एचएयू के पूर्व वीसी डा. के.एस. खोखर व डा. केपी सिंह भी सदस्य हैं।
संगोष्ठी के बाद जब टिकैत से पूछा गया कि पांच राज्यों के चुनावों में किसान आंदोलन का असर नहीं दिखा और भाजपा 4 राज्यों में जीत गयी तो उन्होंने कहा कि भाकियू चुनाव नहीं लड़ रही थी। ये तो हारने वाली राजनीतिक पार्टियों से पूछो कि वो चुनाव ढंग से क्यों नहीं लड़ी। किसान आंदोलन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से पूरे देश में एमएसपी सप्ताह मनाया जायेगा और वो किसानों से आह्वान करते हैं कि एमएसपी से कम मूल्य पर अपनी फसलें नहीं बेचें।