18 वीं लोकसभा आम चुनाव में हुए मतदान की मतगणना के नतीजों में अंबाला ( अनुसूचित जाति – एससी आरक्षित) लोकसभा सीट से पूरे 15 वर्षों के बाद कांग्रेस पार्टी की जीत हुई है. इससे पूर्व वर्ष 2009 में अंबाला लोस सीट से कांग्रेस की कुमारी सैलजा सांसद बनी थी.
बहरहाल, इस बार 2024 में कांग्रेस के उम्मीदवार वरूण चौधरी ( मुलाना) ने भाजपा की प्रत्याशी बंतो देवी कटारिया को हालांकि लाखों मतों के मार्जिन से तो नहीं बल्कि 49 हजार 36 वोटों के अंतर से पराजित किया है. वरूण को 6 लाख 63 हजार 657 अर्थात 49.28 % वोट प्राप्त हुए जबकि बंतो को 6 लाख 14 हजार 621 अर्थात 45.64 % वोट मिले.
इसी बीच शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट और चुनावी विश्लेषक हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बताया कि वरूण अक्टूबर, 2019 से अंबाला जिले के मुलाना विधानसभा हलके से कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं. वह वर्तमान 14 वीं हरियाणा विधानसभा की सबसे महत्वपूर्ण पब्लिक अकाऊंट कमेटी – पीएससी ( लोक लेखा समिति) के चेयरमैन भी है. चूंकि विधायक रहते हुए वरूण लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए हैं, इसलिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 101 के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए दोहरी सदस्यता निषेध नियम, 1950 के अंतर्गत वरूण को उनकी निर्वाचन नोटिफिकेशन प्रकाशित होने के 14 दिनों के भीतर अर्थात आगामी 20 जून तक हरियाणा विधानसभा की सदस्यता अर्थात विधायक पद से त्यागपत्र देना होगा. अब चूंकि हरियाणा विधानसभा के अगले आम चुनाव इसी वर्ष अक्तूबर, 2024 में निर्धारित हैं, इसलिए रिक्त होने वाली मुलाना विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी नहीं होगा.
बहरहाल, चूंकि इस बार भाजपा ने देश भर में स्वयं 240 लोकसभा सीटें ही जीती हैं जो लोकसभा में 272 के बहुमत के आंकड़े से 32 कम हैं, इसलिए अबकी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ( राजग- राष्ट्रीय जनतांत्रि गठबंधन) सरकार का गठन हो रहा है जिसका शपथग्रहण आगामी 9 जून रविवार को होगा.
हेमंत ने बताया कि वर्ष 1952 के बाद अर्थात 72 वर्षों में ऐसा 6 वीं बार होगा कि अंबाला लोकसभा सीट से निर्वाचित सांसद भारतीय संसद में विपक्षी बेंचो पर बैठेगा. अंबाला से इस बार पहली बार निर्वाचित कांग्रेस के वरूण चौधरी को हालांकि लोकसभा स्पीकर द्वारा किसी संसदीय समिति का सदस्य अवश्य बनाया जा सकता है.