September 21, 2024

तापमान में हो रही एकाएक बढ़ौतरी के चलते नागरिकों से हीट-वेव यानि लू के प्रकोप से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।

नागरिकों से आह्वान किया है कि वे लू से बचाव के लिए जरूरी प्रबंध रखें। छोटे बच्चों व बुजुर्गों की विशेष देखभाल जरूरी है।

उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिन और अत्याधिक गर्मी होने व लू के चलने की संभावना जताई है। ऐसे में नागरिकों को विशेष सावधानी व बचाव करने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाईजरी के अनुरूप तापमान अधिक होने की स्थिति में कड़ी मेहनत का कार्य न करें।

इसके अलावा शरीर में पानी की कमी करने वाले चाय, कॉफी और कार्बोनेटिड शीतल पेय जैसे पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। उच्च प्रोटीन युक्त व बासी भोजन न खाएं। कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, दौरे जैसे हीट स्ट्रोक, हीट रैश के संकेतों को पहचाने। यदि आप बेहोशी या बीमार महसूस करें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

लू से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पीएं और भले ही प्यास न लगी हो। हल्के, हल्के रंग के, ढीले और छिद्रयुक्त सूती कपड़े पहनें। धूप में बाहर जाते समय सुरक्षात्मक चश्मे, छाता/टोपी, जूते या चप्पल का प्रयोग करें। जब बाहर का तापमान अधिक हो तो कड़ी मेहनत की गतिविधियों से बचें। बिना कार्य के तपती दुपहरी में घर से बाहर न निकलें।

यात्रा करते समय पानी अपने साथ रखें। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें। यदि आप बाहर काम करते हैं, तो टोपी या छाते का उपयोग करें और अपने सिर, गर्दन, चेहरे और अंगों पर एक नम कपड़े का उपयोग करें।

उन्होंने कहा कि पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें। यदि आप बेहोशी या बीमार महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। ओआरएस, घर पर बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें जो शरीर को फिर से हाइड्रेट करने में मदद करता है।

जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें। अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर या सनशेड का उपयोग करें और रात में खिड़कियां खोलें। पंखे का प्रयोग करें, गीले कपड़े पहनें और बार-बार ठंडे पानी से स्नान करें।

नागरिक स्वयं के साथ-साथ बेजुबान पशु और पक्षियों का भी ध्यान रखें। जहां पर अक्सर पक्षी आते हैं, वहां पर पानी का उचित प्रबंध करें ताकि प्यास लगने पर पक्षी पानी पी सकें। अत्याधिक गर्मी के चलते पक्षियों को बार-बार प्यास लगना स्वाभाविक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *