मौजूदा जारी 18 वी लोकसभा आम चुनाव में छठे चरण में शनिवार 25 मई को देश के विभिन्न राज्यों की 58 लोकसभा सीटों पर, जिसमे हरियाणा की सभी 10 सीटें भी शामिल है, में वोटिंग के दौरान सभी सीटों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ई.वी.एम.) के साथ वी.वी.पैट. (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा.
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि वैसे तो निर्वाचन संचालन नियमावली 1961 में जुलाई, 1992 में उपयुक्त संशोधन कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों ( ईवीएम) द्वारा वोटिंग करने के समस्त प्रावधान डाल दिए गए थे परन्तु इन मशीनों के साथ वी.वी.पैट. संलग्न करने संबंधी प्रावधान अगस्त, 2013 में डाले गये. वास्तव में 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने ही मतदान में वी.वी.पैट के प्रयोग को अनिवार्य घोषित किया था.5 वर्ष पूर्व अप्रैल- मई 2019 में 17वीं लोकसभा आम चुनाव में देश की सभी 543 सीटों पर मतदान में ईवीएम के साथ वी.वी.पैट का प्रयोग हुआ था.
हेमंत ने बताया कि इस वी.वी.पैट प्रणाली में जब भी कोई मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने पोलिंग बूथ में जाकर वोटिंग कम्पार्टमेंट में पड़ी ई.वी.एम. से मतदान करने के लिए अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने का नीला बटन दबाएगा तो उस मतदाता के वोट दर्ज होने के साथ साथ ही इसके उस ई.वी.एम. के साथ जुडी वी.वी.पैट. (जिसमे एक कागज़ की पर्चियां प्रिंट करने वाला प्रिंटर एवं ड्राप बॉक्स होगा) में से एक कागज़ की पर्ची उत्पन्न होगी जिसमे मतदाता द्वारा वोट किये गए उम्मीदवार की क्रम संख्या, उसका नाम एवं उसका चुनाव चिन्ह दिखाई देगा एवं इस कागज़ की पर्ची को प्रिंटर पर मौजूद पारदर्शी खिड़की के माध्यम से सात सेकेन्ड तक देखा जा सकेगा जिसके बाद यह कागज़ की पर्ची इसके साथ जुड़े ड्राप बॉक्स में स्वत: गिर जायेगी.