आमजन के साथ-साथ पशुधन को भी हीट-वेव से बचाना जरूरी है। नागरिक गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की सलाह के अनुरूप जरूरी उपाय अपनाएं और खासकर बच्चों का विशेष ख्याल रखें। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार गर्मी व लू से बचने के लिए नागरिक दोपहर के समय विशेषकर 12 से 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचें। नागरिकों के साथ ही पशुधन को भी गर्मी से बचाव करना है। पशुओं को गर्मी से बचाव के लिए विभागीय अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं।
मवेशियों की सुरक्षा के लिए हीटवेव एक्शन प्लान तैयार करें। गर्मी की स्थितियों के दौरान पशुओं में आने वाली बीमारियों के लक्षण व उससे बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करें। पशुओं को सुरक्षित रखने हेतु टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से संचालित किया जाए और साथ ही केन्द्रों पर आवश्यक दवाओं का भंडार सुनिश्चित हो।
उन्होंने कहा कि गर्मी के दिनों में किसानों एवं पशु पालकों के पशुओं पर भी प्रभाव पड़ता है और उन्हें गर्मी से बचाने की आवश्यकता होती है। इसी परिप्रेक्ष्य में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा किसानों एवं पशु पालकों को सलाह दी गई है कि गर्मियों के दिनों में अपने पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए उचित उपाय और प्रबंधन करें।
दूसरी ओर पशुपालन विभाग के उपनिदेशक आत्मा राम गोदारा ने बताया कि किसानों एवं पशुपालकों को सलाह दी गई है कि अपने पशुओं के लिए आवास गृह, पशु शेड की व्यवस्था करें। दोपहर में पशुओं को छायादार वृक्षों के नीचे आराम कराएं, 45 डिग्री से अधिक तापमान होने पर पशुओं के आवास गृह की खिडक़ी, दरवाजों पर गीले पर्दे से बचाव करें।
दुधारू पशुओं के लिए कूलर की व्यवस्था भी की जा सकती है। पशुओं के लिए दिन में 4-5 बार स्वच्छ एवं ठन्डे जल की व्यवस्था करे। पानी की समुचित व्यवस्था होने पर पशुओं को स्नान भी करवाया जा सकता है।
पशुओं के आहार में पौष्टिकता वाला भोजन सम्मिलित करें एवं दिन में दो बार गुड़ एवं नमक के पानी का घोल अवश्य पिलाएं। पशुओं को गर्मी के मौसम में मिनरल मिक्चर तथा मल्टी विटामिन अवश्य दें। पशुओं के अस्वस्थ होने पर तुरन्त पशु चिकित्सक से उपचार कराएं।