आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र लोकसभा से ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने सोमवार को पिहोवा विधानसभा के गांवो में चुनावी यात्रा शुरू की। उन्होंने अपनी चुनावी यात्रा सुबह नौ बजे गांव गुमथला गढू से शुरू की और शाम सात बजे भट्माजरा में समाप्त की।
उनके साथ पूर्व मंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष बलबीर सिंह सैनी, मनदीप सिंह चट्ठा, , रघुवीर सिंह चट्ठा, ओमप्रकाश गुर्जर, गेहल सिंह संधू, बिरभान, राकेश बुधवार, करण चट्ठा, जसमेर, अमरीक सिंह, पदम सिंह, रिंकू थाना, सुरेश थाना, इंद्रजीत सिंह, मक्खन सिंह लबाना, हरमन सिंह विर्क, हरप्रीत चीमा और जगदीश राठी मुख्य तौर पर मौजूद रहे।
डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि 30 अप्रैल को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह कुरुक्षेत्र दौरे पर पहुंचेंगे। थानेसर स्थित चुनावी कार्यालय और रादौर में जनसभा को संबोधित करेंगे।
डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि मैंने संसद में रहते हुए पीएम मोदी की आंखों में आंखें डालकर उनकी नीतियों का विरोध किया था। जिस कारण मैं तीन बार सस्पेंड हुआ। उसके बावजूद उनसे डरा नहीं और दबा नहीं जनता की आवाज उठाता रहा।
मैं कुरुक्षेत्र लोकसभा की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि संसद में मुखर होकर क्षेत्र की बात रखूंगा और क्षेत्र का विकास करवाऊंगा। भाजपा ने जो भी काम आधे अधूरे छोड़ रखे हैं जल्द से जल्द सारे काम पूरे करवाऊंगा।
उन्होंने कहा कि बीजेपी का कुरुक्षेत्र से एक डरा हुआ प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है। बीजेपी को कोई प्रत्याशी नहीं मिला तो नवीन जिंदल को ईडी का डर दिखा कर उम्मीदवार बना दिया। जिस व्यक्ति को खुद बीजेपी ने कुरूक्षेत्र की धरती पर कोयला चोर कहा, उसे ही कुरुक्षेत्र से बीजेपी का प्रत्याशी बना दिया।
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपनी आवाज नहीं उठा सकता वो कुरुक्षेत्र की जनता की आवाज क्या उठाएगा। आज कुरुक्षेत्र की जनता को मजबूर उम्मीदवार नहीं मजबूत उम्मीदवार की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यदि देश का प्रधानमंत्री झूठ बोल तो जनता किस पर विश्वास करे। ये वही प्रधानमंत्री मोदी है जिसने हर खाते में 15 लाख रुपए, किसानों को एमएसपी देने का वादा किया था और 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था।
लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के सभी वादे जुमला निकले। उन्होंने कहा कि बीजेपी की तानाशाह सरकार ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और किसानों पर गोलियां चलाई। पीएम मोदी ने किसानों से एमएसपी का वादा किया था और बाद में पलट गए।
पूरी दुनिया ने देखा कि किसान सवा साल बॉर्डर पर बैठे, जहां 750 से ज्यादा किसानों ने शहादत दी। तब पीएम मोदी ने माफी मांग कर वो कृषि कानून वापस लिए थे। किसान वो वादा याद दिलाने के लिए दिल्ली जाने लगे तो बीजेपी सरकार ने उनके रास्ते में कीलें ठोक दी। इससे पता लगता है कि बीजेपी किसान विरोधी सरकार है।