अखिल भारतीय काँग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री हरियाणा का ध्यान एक महत्वपूर्ण समस्या की और आकर्षित किया, जिसके चलते आज हरियाणा के बुजुर्ग और विधवाएं प्रभावित हो रही हैं!
पत्र के द्वारा उन्होंने बताया की हाल ही में इंडियन बैंक द्वारा आईएफएससी कोड में किए गए बदलाव के कारण बुढ़ापा पेंशन और विधवा पेंशन की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी हो रही है इस बदलाव के कारण पेंशन प्राप्त कर्ताओं को अपनी पेंशन प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है जिससे उनके जीवन यापन पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है बहुत से बुजुर्ग और विधवा महिलाएं इस तकनीकी समस्या के कारण अपनी आवश्यक जरूरत के लिए धन प्राप्त करने में असमर्थ हैं उन्होंने आशा व्यक्त की की समस्या के तत्काल समाधान के लिए एक स्थाई प्रक्रिया स्थापित करने हेतु उचित कदम उठाएंगे जिससे भविष्य में ऐसी देरी से बचा जा सके और इन प्रभावित व्यक्तियों को राहत मिले!
इसी सन्दर्भ में हरियाणा कांग्रेस के डेलीगेट व मेनीफेस्टो कमेटी के सदस्य पूर्व कोषाध्यक्ष अधिवक्ता रोहित जैन, कुलदीप सिंह गुल्लू व् हरजीत सिंह बब्बल साथियों सहित पिछले तीन महीने से पेंशन मिलने से वंचित दर्जनों बुजुर्ग, महिलाओं आदि से मिले और उनकी समस्याएं जानी !
उन लोगों का कहना था कि तीन महीनों से खातों में पेंशन ना आ रही है जिसके कारण अब घर चलाना दुश्वार हो गया है। पेंशन नहीं आने से सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना ऐसे बुजुर्गों, विधवा महिलाओं करना पड़ रहा है जिनका खर्चा पेंशन से ही चलता है।
रोहित जैन से बताया कि इस समस्या बारे जब लोगों ने उन्हें अवगत कराया था तो इस बारे पड़ताल करने पर पता चला कि यह समस्या ज्यादातर इंडियन बैंक से सम्बंधित पेंशनधारको के खातो की थी। उन्होंने अपने साथियों कुलदीप सिंह गुल्लु, हरजीत बब्बल, कैप्टन जतिंदर पाल सिंह सोढ़ी, किरण पाल राणा को लेकर उन्होंने समाज कल्याण विभाग में जाकर इस बारे पता किया।
वहां मौजूद ऐसे लोगों से बातचीत की तो उनका दर्द फूट पड़ा और वे बोले हम कैसे अपना गुजारा चलाएं न तो पेंशन आ रही है न ही हम इस लायक हैं कि कुछ काम कर सकें। उन्होंने जैन को बताया की पिछले तीन महीने से पेंशन नहीं आ रही है जिसके कारण उन्हें बैंकों में रोजाना पूछताछ के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
पेंशन के लिए उन्हें बैंक में चक्कर काटने पड़ रहे हैं और एप्लीकेशन लिखने के नाम पर 250 रुपए व फार्म भरने के 50 रुपए बैंक द्वारा उनसे लिए गए। इसके बावजूद उन्हें बैंक से किसी भी तरह का कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।
रोहित जैन ने उनकी समस्याऐं सुनकर समाज कल्याण विभाग के सम्बंधित अधिकारियों को कहा कि पेंशन में लेटलतीफी से इन सभी लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है व उन्हें दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं हर माह पेंशन का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है जब कोई पेंशन लेने के लिए जाता है तो उसे वापस खाली लौटना पड़ता है।
पेंशन ही उन लोगों के लिए एकमात्र सहारा है, पेंशन समय पर ना आने से उन्हें अनेक मुश्किलों व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में इनका रसोई चलाना मुश्किल हुआ है, मकानों का किराया न जा रहा है और बच्चों की स्कूल फीस भी ऐसे परिवार न भर पा रहे है। वहां मौजूद अधिकारियों ने बताया कि पेंशन मिलने में देरी बैंक का आईएफएससी कोड बदलने के कारण हो रही है।