आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और इंडिया गठबंधन के तहत कुरुक्षेत्र लोकसभा से प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने वीरवार को प्रेसवार्ता कर बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर हरियाणा सरकार को घेरा। उनके साथ लाडवा विधायक मेवा सिंह भी मौजूद रहे।
इसके बाद उन्होंने कुरुक्षेत्र लोकसभा के लाडवा विधानसभा के गांव सांवला से चुनावी यात्रा शुरू की। इसके बाद वे इशरगढ़ में लोगों से मिले। वहां से कौलापुर में ग्रामीणों से रूबरू हुए। इसके बाद गांव ऊंटसाल बागड़ो में पहुंचे।
यहां से गांव मरचेड़ी, रामपुरा, कसीथल, भगवानपुर, रामनगर फरदलपुर, कलाल माजर बबैन, जालखेड़ी, मोरथला, दुधला, मसाना और कनिपला में लोगों को संबोधित किया और आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने बुजुर्गों और महिलाओं का आशीर्वाद लिया और “इंडिया” गठबंधन को भारी बहुमत से जिताने की अपील की।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। मैं लगातार कुरुक्षेत्र लोकसभा की सभी विधानसभाओं के गांवों में घूम रहा हूं, एक भी स्कूल ऐसा नहीं मिला जो सरकार ने यहां पर अच्छा बनाया हो। स्कूलों और शिक्षा की हालत बेहद खराब है।
बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुरुक्षेत्र जिले में एक भी सरकारी कॉलेज नहीं है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र के बच्चे कह रहे हैं न उनके लिए स्कूल अच्छे और न कॉलेज तो अब वो कहां जाएं। यूनिवर्सिटी में ऑल इंडिया मेरिट पर दाखिला मिलता है।
उन्होंने कहा हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 5547 स्कूलों से कहा कि वह बताएं उनके पास स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए कितने बेंच है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से एक भी स्कूल ने अभी तक जवाब नहीं दिया।
कुरुक्षेत्र में केवल 524 ऐसे स्कूल है जिनसे यह पूछा गया कि आपके पास बच्चों के बैठने के लिए कितने बेंच है और 524 के 524 सरकारी स्कूलों ने जवाब नहीं दिया। जवाब देंगे भी कैसे? जब बच्चों के बैठने के लिए बेंच होंगे तभी तो जवाब देंगे। सरकारी स्कूलों में बच्चों के पास बैठने के लिए कोई बेंच नहीं है, आज भी दरियों और टाट पर बैठकर पढ़ना पड़ रहा है।
हरियाणा सरकार शिक्षा देने में पूरी तरह से विफल रही है। भाजपा सरकार ने मर्जर के नाम पर 832 स्कूलों को बंद कर दिया। जिससे लगभग 7349 बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। 1032 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई, जिससे लगभग 60 हज़ार बच्चों का भविष्य अंधकार में है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की वजह से हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट से 5 लाख का जुर्माना एवं फटकार मिल चुकी है। हरियाणा के 1500 से ज्यादा स्कूलों में टॉयलेट नहीं हैं, 8000 से ज्यादा क्लासरूम की कमी है, 500 स्कूलों में पीने का पानी व बिजली का कनेक्शन नहीं है। ये बात शिक्षा विभाग ने कोर्ट में एफिडेविट देकर बताई है। इसके अलावा स्कूलों में बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि एक मॉडल संस्कृति स्कूल की दीवार गिरने से 12 साल के बच्चे की मृत्यु हो जाती है। हरियाणा में ऐसे स्कूल भी है जहां चार चार कक्षाओं में पढ़ाने के लिए केवल एक टीचर ही उपलब्ध है। बच्चे जमीन पर पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। छोटे छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए घर से तीन-तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में बच्चों की किताबों में सैंकड़ों करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ। हरियाणा में 71000 से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं। यदि शिक्षक ही नहीं मिलेंगे तो पढ़ेंगे कैसे। बच्चे 70 से 80 साल पुरानी सरकारी स्कूल की इमारत में पढ़ने को मजबूर हैं।