November 22, 2024

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने प्रेसवार्ता कर हरियाणा में हो रहे भाजपा के उम्मीदवारों को लेकर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा कुछ दिन पहले जो 400 पार का नारा दे रही थी, वो परिस्थितियां अब पूरी तरह से बदल गई हैं।

अब भाजपा को 40 सीटों के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा, अब चीजें उस दिशा में जा रही हैं। भाजपा हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए अपने 10 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। लेकिन अजीब बात है कि उनके उम्मीदवार कहीं पर भी कैंपेन करते नजर नहीं आ रहे हैं और जिन्होंने कोशिश की उनका हरियाणा के गांवों में जबरदस्त विरोध हो रहा है।

सिरसा से भाजपा के उम्मीदवार अशोक तंवर ने अपने कैंपेन की शुरुआत की तो फतेहाबाद के गांव करनौली, अहलीसदर, हुकमावाली, अलिका, कारियां और हड़ोली समेत दर्जन भर गांव ऐसे हैं जहां पर उन्हें जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा।

जहां गांव के लोगों ने सवाल पूछे जिनके सामने भाजपा के उम्मीदवार टिक नहीं पाए और उनको वहां से बिना प्रचार किए लौटना पड़ा। इसके अलावा टोहाना विधानसभा क्षेत्र में खनौरा, अमीम फतेहपुरी समेत कई गांव ऐसे थे जहां तय कार्यक्रम भी विरोध के बाद रद करने पड़े। रतिया के भी कई गांवों में अशोक तंवर को विरोध का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि हिसार लोकसभा से रणजीत सिंह चौटाला को जल्दबाजी में उम्मीदवार घोषित किया गया, क्योंकि भाजपा के पास शायद अपना कोई उम्मीदवार नहीं बचा था। भाजपा ने 85000 वोट लेकर पहले ही अपनी जमानत जब्त करवा चुके रणजीत चौटाला को मौका दिया।

उन्होंने भी अपना चुनाव प्रचार शुरू करते हीं ब्राहमण समाज के खिलाफ जिस तरीके का बयान दिया उसके चलते अब उनका घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। सोनीपत लोकसभा से भाजपा के उम्मीदवार मोहनलाल बडौली को जींद के नंद गांव में ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार जिनके कोयले के दाग भाजपा की वाशिंग पाउडर मशीन में धोकर जिसे भाजपा मैदान में लाई थी। इस उम्मीद में कि बड़े उद्योगपति हैं और पहले कुरुक्षेत्र से कई बार चुनाव लड़ चुके हैं और शायद भाजपा के लिए कुरुक्षेत्र में अच्छे हालत बन जाएं।

जहां से भाजपा पुराने सांसद नायब सैनी को सुरक्षित रास्ता देकर मुख्यमंत्री बनाकर बाइज्जत निकालकर ले गए हैं। नहीं तो बहुत अपमान होता कि प्रदेश अध्यक्ष अपनी खुद की सांसद की सीट हार जाते।

उस नवीन जिंदल को भी कलायत में जब वो पार्टी के कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में पहुंचे तो भाजपा के ही कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। वो भी गांव में अपना कैंपेन शुरू नहीं कर पा रहे हैं।

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