कांग्रेस मैनीफैस्टो कमेटी के सदस्य व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व कोषाध्यक्ष अधिवक्ता रोहित जैन ने इलैक्शन कमिशन अॉफ इंडिया को शिकायत देते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने 16 मार्च, 2024 को लोकसभा 2024 के आम चुनावों की घोषणा की थी अोर उसी दिन से आचार संहिता लागू हो गई थी और भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकारियों को निष्पक्ष, स्वतंत्र चुनाव कराने के सख्त निर्देश दिए गए थे।
उन्होंने शांतिपूर्ण चुनाव कराने और आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करवाने को लेकर अधिकारियों को आदेश दिए थे। उन्होंने रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, हवाई अड्डों, पुलों-रेलवे और सड़क मार्गों, सरकारी भवनों, बसें आदि में स्थानों का राजनीतिक विज्ञापन का उपयोग न करने के आदेश दिए थे।
उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान सार्वजनिक भवनों, बिजली और टेलीफोन के खंभों, नगरपालिका/स्थानीय निकाय भवनों में राजनीतिक विज्ञापनों के लिए स्थानों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर, 01-अंबाला संसदीय निर्वाचन क्षेत्र ने अपने आदेश दिनांक 29/03/2024 के तहत होडिंग और बैनर आदि के लिए कुछ स्थान चिह्नित किए हैं।
लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अम्बाला शहर में सार्वजनिक संपत्तियों के साथ-साथ अंबाला शहर के विभिन्न हिस्सों, सभी ओवर-ब्रिजों, रेलवे के अंडर-ब्रिज आदि और खाली पड़ी निजी संपत्तियों पर नारे लिखे हैं, पेंटिंग आदि बनाई हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी भारतीय जनता पार्टी की गतिविधियों को नजरअंदाज कर रहे हैं और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है।
अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ मिले हुए हैं और भारतीय जनता पार्टी की गतिविधियों के प्रति उनकी उदासीनता से भारतीय जनता पार्टी को अनुचित लाभ हो रहा है। इसका परिणाम आगामी चुनावों की निष्पक्षता और वास्तविकता के भी विपरीत है। जैन ने कहा कि सार्वजनिक और निजी परिसरों की सतहों पर लिखे हुए स्थायी नारों आदि ने उन्हें विकृत कर दिया है।
जैन ने कहा कि The Haryana Prevension Of Defacement of Property Act 1989 के तहत किसी के द्वारा संपत्ति का विरूपण दंडनीय है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अंबाला शहर के क्षेत्र में कई सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। जैन ने चुनाव आयोग को शिकायत देते हुए मांग की कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए और अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे सार्वजनिक संपत्तियों के साथ-साथ निजी संपत्तियों पर भी उन चित्रों, नारे, चित्रित पेंटिंग आदि को तुरंत हटाया जाए।