पुलिस अधीक्षक करनाल श्री शशांक कुमार सावन ने डिजिटल लेन देन में धोखाधड़ी से बचने के लिए आरबीआई द्वारा प्रकाशित दो पुस्तिका “BE(A)WARE” एवं “RAJU & The Forty Thieves” में दी गई सावधानियों को आमजन को बरतने को कहा।
पुलिस अधीक्षक करनाल ने पुस्तिकाओं में दी गई निम्न सावधानियां बरतकर वित्तीय धोखधड़ी से बचने के बारे में बताया।
1. किसी भी लिंक को पूर्ण सत्यापन करने के बाद ही क्लिक करे।
2. बैंक कभी भी यूजरनेम, पासवर्ड, ओटीपी आदि कभी साझा करने के लिए नहीं कहते।
3. ऑनलाइन बिक्री प्लेटफार्म का उपयोग करते समय हमेशा सावधान रहे।
4. अनजान, गैर सत्यापित स्त्रोत या व्यक्ति के कहने पर कभी भी कोई एप्लीकेशन डाउनलोड न करे।
5. एटीएम कार्ड का प्रयोग बहुत सावधानी के साथ करना चाहिए और अपना पिन किसी से शेयर न करे।
6. अपने उपकरण में कभी भी कोई स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड न करे।
7. अपने सिम कार्ड से संबंधित जानकारी कभी किसी से शेयर न करे।
8. किसी भी कस्टमर केयर का संपर्क विवरण हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से ही प्राप्त करे।
9. कोई भी भुगतान क्यूआर कोड स्कैन करते समय सावधानी जरूर बरते।
10. मित्र, संबंधी से धन लेन देन की प्रक्रिया सोशल मीडिया की वास्तविकता से न करे बल्कि फोन कॉल या भौतिक मीटिंग के माध्यम से ही करे।
11. किसी भी पब्लिक, अनजान चार्जिंग पार्ट्स और केबल का इस्तेमाल करने से बचे।
12. किसी भी अविश्वसनीय लॉटरी का संदेश, मेल और कॉल पर कोई जानकारी साझा न करे।
13. किसी भी संस्थान से आए जॉब प्रस्ताव के लिए सर्वप्रथम उसके प्रतिनिधि की पहचान और संपर्क की पुष्टि करके ही जानकारी साझा करे, किसी प्रकार के धन का भुगतान न करे ।
14. आकर्षक प्रस्तावों, कमीशन के बहकावे में न आवे।
15. ऋण देने वाले जाली विज्ञापनों, एप और कंपनी से बचे, सत्यापित करके ही ऋण ले।
16. कभी भी किसी प्रकार का ओटीपी किसी को भी साझा न करे।
17. अपने सोशल मीडिया अकाउंट, इंटरनेट बैंकिंग, गूगल पे, लैपटॉप आदि पर मजबूत पासवर्ड लगाए और समय के साथ बदलते रहे।
इन सभी सावधानियों को बरत कर हम वित्तीय धोखाधड़ी से बच सकते है। अगर फिर भी कोई वित्तीय हानि हो जाती है तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करे या राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करके वित्तीय हानि से बच सकते है।