आगामी लोकसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न कराने के लिये आज यहां जिला सचिवालय में चुनावी ड्यूटी में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई।
इसमें उन्हें आदर्श चुनाव आचार संहिता, चुनावी खर्च पर निगरानी आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही अनुरोध किया गया कि हर अधिकारी व कर्मचारी पूरी ईमानदारी व निष्पक्ष होकर कर्तव्य का निर्वहन करें।
इन्द्री के एसडीएम अशोक कुमार ने बताया कि देश में सर्वप्रथम केरल ने सबसे पहले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के लिये आचार संहिता को अपनाया। उसके बाद के सालों में आचार संहिता के स्वरूप में काफी बदलाव हुआ।
उन्होंने कहा कि आचार संहिता के मुख्यत: आठ भाग हैं। धर्म, जाति अथवा भाषा के आधार पर किसी भी ऐसी गतिविधि में संलिप्त होना, जिससे कि समाज में घृणा पैदा हों, मतभेद बढ़़ें अथवा तनाव पैदा हो, आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा।
मंदिर, मस्जिद, चर्च अथवा अन्य पूजा स्थलों का प्रयोग चुनाव प्रचार अथवा वोटों की अपील के रूप में नहीं किया जा सकता। वोट के लिए मतदाताओं को डराना-धमकाना अथवा रिश्वत देना भी अपराध है। मतदान केंद्रों के 200 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि मतदान समापन के निर्धारित समय से 48 घंटे पहले चुनावी सभाओं अथवा प्रचार पर रोक रहेगी। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी जो चुनाव प्रक्रिया खत्म होने तक जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि संहिता चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों, राजनैतिक पार्टियों, केंद्र अथवा राज्य सरकार के कर्मचारियों, सरकार से फंड पा रहे निगमों, बोर्डों, विश्वविद्यालयों आदि के कर्मचारियों पर भी लागू होगी। किसी भी प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार में बाधा पहुंचाना, किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा।
जनसभाओं अथवा रैलियों के लिये मंजूरी लेना जरूरी है और इसके लिए पुलिस प्रशासन को भी सूचित करना अनिवार्य है ताकि यातायात व्यवस्था में बाधा न पहुंचे। सरकारी मशीनरी का उपयोग किसी प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार के लिये नहीं किया जा सकता।
चुनावी तारीख की घोषणा के बाद किसी भी मंत्री अथवा सांसद द्वारा ऐच्छिक ग्रांट की घोषणा नहीं की जा सकती। न ही कोई जन कल्याणकारी योजना ही इस दौरान लागू की जा सकती है। लाउड स्पीकर के उपयोग के लिये भी सक्षम अधिकारी से मंजूरी लेना जरूरी है।