नगर निगम आयुक्त अभिषेक मीणा ने बताया कि शहर की पुरानी अनाज मंडी स्थल पर कॉमर्शियल स्पेस प्रोजेक्ट पर कार्य प्रगति पर है। इसके लिए पहले साईट की खुदाई का काम किया गया, जिसे डबल बेसमेंट के लिए जमीन को नीचे तक गहरा खोदा गया। अब पी.सी.सी. यानि प्लेन सीमेंट कंक्रीट तथा बेसमेंट राफटिंग का कार्य किया जा रहा है।
इसके बाद इस प्रोजेक्ट पर कॉमर्शियल बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा। प्रोजेक्ट को दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिए जाने की प्रबल उम्मीद है। बिल्डिंग का 5 साल का संचालन एवं रख-रखाव भी एजेंसी द्वारा ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर अनुमानित 27 करोड़ 95 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
निगमायुक्त ने बताया कि कॉमर्शियल स्पेस प्रोजेक्ट की स्ट्रक्चरल ड्राईंग यानि संरचनात्मक चित्रण को एन.आई.टी. कुरूक्षेत्र से वैटिंग करवाई जा चुकी है और इसकी आर्किटैक्ट ड्राईंग यानि वास्तुकार चित्रकला भी एजेंसी द्वारा बना ली गई है।
प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए नगर निगम की ओर से कुरूक्षेत्र आधारित अंतरराष्ट्रीय स्तर की निर्माण एजेंसी कृष्ण कंस्ट्रक्शन को इसका वर्क अलॉट किया गया है। इसका निर्माण ई.पी.सी. यानि इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन पर आधारित होगा।
क्या-क्या होगा कॉमर्शियल स्पेस प्रोजेक्ट में- निगमायुक्त ने बताया कि प्रोजेक्ट की ड्राईंग के अनुसार यह तीन तल का होगा। इसमें डबल बेसमेंट बनाई जाएंगी, जिसमें वाहनो के लिए पार्किंग स्पेस होगा। भूतल व प्रथम तल पर शॉपिंग एरिया होगा। द्वितीय तल पर रेस्टोरेंट व फूड कोर्ट होंगे तथा तृतीय तल पर मनोरंजन के लिए गेमिंग जोन का निर्माण किया जाएगा।
क्या होगा प्रोजेक्ट के निर्माण से- उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के बनने से पुरानी अनाज मंडी स्थल का सौंदर्यकरण होगा। शहर में आने वाले वाहन इसमें पार्क किए जा सकेंगे, जिससे बाजार में भीड़ का दबाव कम होगा। वाहन चालकों को सुरक्षित और माकूल जगह पर अपने वाहन पार्क करने की सुविधा मिलेगी। रेस्टोरेंट व फूड कोर्ट में लोगों को खाने-पीने के अच्छे व्यंजन मिलेंगे। बच्चे व बड़े सभी गेमिंग जोन का लुत्फ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे नागरिकों का अपने शहर के साथ ओर अधिक लगाव बढ़ेगा।
निगमायुक्त के निर्देश- निगमायुक्त ने बताया कि निर्माण एजेंसी को पूरी क्षमता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए है। काम बीच में नहीं रूकना चाहिए, इसका विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता न हो। निर्माण की प्रोग्रेस को लेकर पर्ट चार्ट (प्रोजेक्ट इवैल्यूएशन एंड रिव्यू टेकनीक यानि परियोजना मूल्यांकन समीक्षा तकनीक) बनाया जाए और इसी के अनुरूप ही काम किया जाए।
उन्होंने बताया कि कार्यकारी अभियंता मोनिका शर्मा को भी निर्देश दिए गए हैं कि साईट पर जाकर काम की लगातार मॉनिटरिंग करते रहें। निर्माण सामग्री के सैम्पल लेकर उसकी टैस्टिंग की जाए और थर्ड पार्टी इंस्पैक्शन भी करवाएं, ताकि निर्माण कार्य में पारदर्शिता बनी रहे।